Rajasthan: PKC ERCP परियोजना को लेकर डूंगरी बांध पर गहराया विरोध, भजनलाल सरकार को मिला 7 दिन का अल्टीमेटम

Rajasthan news: मलारना डूंगर उपखंड के मकसूदनपुरा चौहानपुरा देवनारायण मंदिर पर एक विशाल महापंचायत आयोजित की गई. इसमें डूंगरी बांध के निर्माण का विरोध जताते हुए सवाई माधोपुर और करौली के ग्रामीणों ने भजनलाल सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है.

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महापंचायत में एकट्ठा हुए 76 गांवों के हजारों ग्रामीण

PKC ERCP Project: पीकेसी ईआरसीपी परियोजना के तहत सवाई माधोपुर और करौली जिले की सीमा पर बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में, मलारना डूंगर उपखंड के मकसूदनपुरा चौहानपुरा देवनारायण मंदिर पर एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें डूंगरी बांध के कैचमेंट एरिया में आने वाले सवाई माधोपुर और करौली जिले के 76 गांवों से हजारों की संख्या में प्रभावित ग्रामीण एकजुट हुए.

प्रहलाद गुंजल ने भजनलाल सरकार पर जमकर बोला हमला

महापंचायत को मुख्य अतिथि प्रहलाद गुंजल ने संबोधित किया और प्रदेश की भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि डूंगरी बांध को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले एक महीने से सवाई माधोपुर और करौली जिले के सैकड़ों किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है. गुंजल ने आरोप लगाया कि यह बांध औद्योगिक गलियारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों को जबरन विस्थापित करने का प्रयास किया, तो वे किसानों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे.

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सरकार को दिया 7 दिन का अल्टीमेटम

अपने संबोधन में गुंजल ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि डॉ. मीणा किसानों के साथ ब्लैक मार्केटिंग करने वाले धन्ना सेठों पर छापे मार रहे हैं, लेकिन विडंबना यह है कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उनकी अपनी सरकार किसानों की जमीनों को छीनना चाहती है. इसके अलावा गुंजल ने महापंचायत में सरकार से 7 दिन के भीतर बांध को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बांध के निर्माण और संभावित विस्थापन को लेकर क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है.

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 ग्रामीणों ने डूंगरी बांध के निर्माण पर जताया कड़ा विरोध

महापंचायत में उपस्थित  ग्रामीणों ने डूंगरी बांध के निर्माण पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि सरकार डूंगरी बांध के नाम पर विकास की बजाय विनाश की योजना बना रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस बांध के निर्माण से 76 गांवों की भूमि का अधिग्रहण कर उन्हें उजाड़ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार 13 जिलों को पानी देने के नाम पर करौली और सवाई माधोपुर जिलों के एक बड़े हिस्से को बर्बाद करना चाहती है, जिसे ग्रामीण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा  ज्ञापन

इस विशाल जनसभा के दौरान प्रहलाद गुंजल और संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने मंच पर एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा. महापंचायत में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसके तहत तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, तीन डीवाईएसपी, नौ थानों का पुलिस जाब्ता, आरएसी की बटालियन और महापंचायत के पास स्थित रेलवे ट्रैक पर जीआरपी व आरपीएफ का जाब्ता तैनात था.

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