Delhi News: राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा (Rajasthan SI Recruitment Exam 2021) में पेपर लीक का मामला एक बार फिर गरमा गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में बुधवार को एक बड़ा आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग की अनुमति दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक किसी भी उम्मीदवार को ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी.
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने 8 सितंबर 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा पारित अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग की अनुमति तो दी थी, लेकिन उनकी फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
तीन महीने में हाईकोर्ट करे मामले का निपटारा
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच को निर्देश दिया है कि वह इस मामले का निपटारा तीन महीने के भीतर करे. इस अवधि तक, 18 नवंबर 2024 के उस आदेश को बरकरार रखा जाएगा, जिसमें एकलपीठ ने पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई थी. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने यह दलील दी थी कि उम्मीदवारों को सिर्फ ट्रेनिंग की अनुमति दी जाए, जबकि फील्ड पोस्टिंग पर रोक बनी रहे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया और ट्रेनिंग पर भी रोक जारी रखी.
पेपर लीक के आरोपों से घिरा है मामला
राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोपों के कारण यह भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादों में रही है. इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी और सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक होने के कारण अयोग्य उम्मीदवारों का भी चयन हुआ है, जिससे पूरी चयन प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गई है.
मूल याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव शकधर पेश हुए, जबकि चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी की. सुप्रीम कोर्ट के इस ताजा आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि जब तक इस भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोपों पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक कोई भी आगे की कार्रवाई, जिसमें ट्रेनिंग भी शामिल है, नहीं हो सकेगी. यह आदेश उन हजारों उम्मीदवारों के लिए एक झटका है, जो अपनी ट्रेनिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे थे.
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