Rajasthan: झुंझुनू की नरहड़ शक्करबार पीर दरगाह में भगदड़, छींटों की रस्म के दौरान एक महिला की मौत 

Narhar News: नरहड़ की शक्करबार पीर दरगाह राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह है, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों की गहरी आस्था है. हर साल यहां तीन दिवसीय सालाना उर्स आयोजित होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.

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 Shakkarbar Peer Dargah: झुंझुनू के नरहड़ की शक्करबार पीर दरगाह के तीन दिवसीय सालाना उर्स में कुल के छींटों की रस्म के दौरान दो महिला जायरीन भीड़ के बीच धक्का लगने से नीचे गिर गई. इस हादसे में हिसार की एक महिला जायरीन की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि दूसरी महिला जायरीन के पैर में फ्रैक्चर हो गया.

धक्के लगने से नीचे गिरी महिला, अस्पताल में मौत 

घटना उर्स के दूसरे दिन मुख्य दरवाजे के पास चौक में हुई, जहां कुल के छींटे लेने की रस्म के दौरान जायरीनों की खासी भीड़ थी. इसी दौरान दो महिला जायरीन धक्का लगने से नीचे गिर गईं और उठ नहीं पाईं. वहां मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और प्राथमिक उपचार के लिए उर्स के मेडिकल कैंप में ले जाया गया. जहां स्थिति गंभीर होने के कारण दोनों को चिड़ावा उप जिला अस्पताल रेफर किया गया.

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एक महिला की मौत, एक घायल 

अस्पताल में चिकित्सकों ने हिसार की महिला जायरीन रेखा को मृत घोषित कर दिया जबकि दूसरी महिला जायरीन नानी देवी का इलाज जारी है. मृतका के परिजन इंद्र सिंह ने बताया कि कुल के छींटे की रस्म के दौरान शाम को भीड़ बहुत ज्यादा थी, जहां करीब 1500 से अधिक लोग मौजूद थे. इसी भीड़ में धक्का लगने से दोनों महिलाएं गिर गईं. प्रशासन द्वारा संचालित चिकित्सा कैंप में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया, जहां रेखा की मौत हो गई और नानी देवी का इलाज चल रहा है.

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मृत महिला रेखा

हज़ारों श्रृद्धालु आते हैं दरगाह 

नरहड़ की शक्करबार पीर दरगाह राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह है, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों की गहरी आस्था है. यह दरगाह हजरत शक्करबार पीर बाबा की मजार के रूप में प्रसिद्ध है और चमत्कारी मानी जाती है. हर साल यहां तीन दिवसीय सालाना उर्स आयोजित होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.

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दरगाह में आने वाले लोग कुल की रस्म निभाते हैं और चादर चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं. यह धार्मिक सौहार्द्र और एकता का प्रतीक है, जहां लोग अपनी मुरादें पूरी होने की आस लेकर श्रद्धा के साथ आते हैं.

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