Nagaur News: पढ़ाई को लेकर सीमा का जज्बा और जुनून वाकई प्रेरणादायक है. नागौर जिले के लाडनूं क्षेत्र के बल्दू गांव की रहने वाली स्कूल की छात्रा सीमा चौधरी अपनी प्रतिभा, मेहनत और दृढ़ संकल्प से सबको हैरान कर रही है. पिछले तीन सालों से वह नियमित रूप से अपने छोटे सोनालिका ट्रैक्टर को खुद चलाकर स्कूल जाती है, जो उसके घर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है. सीमा की पढ़ाई के प्रति गहरी लगन और विद्यालय पहुंचने का यह तरीक़ा उसके जज़्बे की मिसाल बन चुका है.
सीमा न सिर्फ ख़ुद पढ़ाई करने जाती है, बल्कि वह अपने साथ गांव के छोटे बच्चों को भी स्कूल ले जाती है. वह बल्दू गांव की गेटों की ढाणी से रोज सुबह ट्रैक्टर पर बच्चों को बिठाकर स्कूल लाती है, ताकि वे भी शिक्षा से वंचित न रहें. उसके इस प्रयास से यह साफ झलकता है कि वह सिर्फ अपनी शिक्षा के प्रति ही नहीं, बल्कि दूसरों के भविष्य को लेकर भी गंभीर है.
पिता का सपना, परिवार का नाम हो रौशन
सीमा का परिवार कृषि कार्य करता है. उसके पिता हनुमान राम और माता गीता देवी किसान हैं, जिन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पंख दिए हैं. उनका सपना है कि सीमा पढ़-लिखकर परिवार और गांव का नाम रोशन करे. सीमा ने भी इस भरोसे को बरकरार रखते हुए न केवल खुद को बल्कि अपने साथियों को भी शिक्षित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाई है. यह उसकी मानसिक दृढ़ता और जुझारूपन को दर्शाता है.
क्या कहते हैं स्कूल के संचालक ?
विद्यालय प्रशासन भी सीमा की मेहनत और लगन से प्रभावित है. स्कूल निदेशक राजेंद्र कुमार शर्मा और प्रिंसिपल पुखराज जाखड़ ने बताया कि सीमा पढ़ाई में तेज है और उसका व्यवहार सभी के लिए प्रेरणादायक है. उसकी रोज की यात्रा, परिस्थितियों से हार न मानने वाला रवैया और शिक्षा के प्रति समर्पण वास्तव में उल्लेखनीय है.
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