शिक्षा विभाग के खिलाफ सड़क पर उतरें राजस्थान के शिक्षक, इस वजह से फूटा गुस्सा

राजस्थान में शिक्षकों ने आक्रोश रैली निकालकर गैर शिक्षण कार्य करवाए जाने का विरोध करते हुए सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी. 

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Rajasthan Teachers' Protest: राजस्थान में शिक्षा विभाग के खिलाफ शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा. शिक्षक संघ (शेखावत) ने गुरुवार सीकर जिला मुख्यालय पर आक्रोश रैली निकाली. शिक्षकों ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम नहीं करवाने और वर्ष 2022 में नव शिक्षकों को स्थाई करने की मांग को लेकर शहर में आक्रोश रैली निकाली. आक्रोश रैली शहर के फतेहपुर रोड स्थित मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रवाना हुई जो डाक बंगला से होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. जहां शिक्षकों ने सरकार और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

गैर शैक्षणिक कार्य बंद करने की मांग

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें सरकारी स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य प्रशिक्षण अभियान से शिक्षकों को मुक्त करने की मांग रखी गई. वहीं शिक्षकों से शैक्षणिक काम के अलावा अन्य गैर शैक्षणिक कार्य बंद करने की मांग भी रखी गई. वहीं दूसरा ज्ञापन मुख्य शिक्षा अधिकारी को शिक्षा निदेशक के नाम सौंपा गया, जिसमें वर्ष 2022 में नवनीत शिक्षकों को स्थाई करने की मांग रखी गई. वहीं जल्द मांगे नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी.

शिक्षकों के स्थायीकरण की उठी मांग

शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष विनोद पूनिया ने जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रांतीय आवाहन पर गुरुवार दो ज्ञापन दिए गए है. पहला ज्ञापन मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षा निदेशक को दिया गया, जिसमें 2022 में नियुक्त शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग है जो बिना किसी कारण के रोक रखी है.

दूसरा ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से शिक्षा मंत्री को दिया गया. जिसमें हाल ही में राजस्थान के शिक्षकों को छात्र की ऑल बॉडी जांच के लिए एक रेडियोलॉजिस्ट की भूमिका में रखा गया है, जिसका भी संगठन पुरजोर विरोध करता है.

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क्लास से दूर होता जा रहा शिक्षक

जिलाध्यक्ष पूनिया ने कहा आज सार्वजनिक शिक्षा बर्बादी की ओर है. पढ़ाई के अलावा सब काम विभाग करवाता है, हम कहते हैं हम कुछ भी नहीं करेंगे सिवाय पढ़ाई के. उन्होंने सीकर जिले के तमाम शिक्षकों और संस्था प्रधानों से भी आव्हान किया कि सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए सब एकजुट हो और जो गैर शैक्षणिक कार्य करवाए जाने का विरोध किया.

पूनिया ने कहा विभाग और सरकार सिर्फ आंकड़ों के जाल में फंसे हुए हैं. एक नंबर की रैंकिंग के चक्कर में दबाव की राजनीति करते हैं. शिक्षा के अलावा सब कुछ कराते हैं, जिससे कि शिक्षक क्लास से दूर होता जा रहा है.

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