Rajasthan: गांव में नहीं है श्मशान घाट, बूंदी में ग्रामीणों ने अर्थी को सड़क पर रखकर स्टेट हाइवे पर लगाया जाम

प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि नए श्मशान तक का रास्ता जल्द ही दुरुस्त करवाया जाएगा. साथ ही तत्काल राहत के तौर पर पुराने श्मशान तक जाने का अस्थायी रास्ता बहाल किया गया, जिससे मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सका.

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Bundi News: बूंदी जिले के बुड़ैल गांव में अर्थी को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने का मामला सामने आया है. दरअसल, गांव के मृतक गणपत लाल मीणा की शव यात्रा के दौरान ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पहले जहां श्मशान घाट था, वह वन विभाग की भूमि पर आता था, जिस पर विभाग ने खाई खोदकर रोक लगा दी थी. वहीं, प्रशासन ने तीन महीने पहले नई श्मशान भूमि तो आवंटित कर दी, लेकिन वहां तक पहुंचने का रास्ता बेहद बदहाल था. जैसे ही शव यात्रा नई जगह की ओर बढ़ी, कीचड़ और अव्यवस्था के कारण ग्रामीणों को आगे बढ़ना मुश्किल हो गया.

मौक़े पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी 

इस अव्यवस्था से नाराज ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. आक्रोशित लोगों ने सड़क पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां और पेड़ों की टहनियां डालकर रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया. ग्रामीणों ने मौके पर उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग की. सूचना पर लाखेरी थाना पुलिस और इंदरगढ़ के तहसीलदार राजेन्द्र मीणा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. तीन घंटे तक चले तनाव के बाद स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो सकी.

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हाईवे पर तीन घंटे तक लंबा जाम लग गया

प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि नए श्मशान तक का रास्ता जल्द ही दुरुस्त करवाया जाएगा. साथ ही तत्काल राहत के तौर पर पुराने श्मशान तक जाने का अस्थायी रास्ता बहाल किया गया, जिससे मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सका. ग्रामीणों की मांग है कि सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार की व्यवस्था हो और इसके लिए प्रशासन को स्थायी समाधान करना होगा.

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अधिकारियों ने मौके पर ही रास्ते को सुधारने का काम भी शुरू करवाया. इस पूरे घटनाक्रम के कारण स्टेट हाईवे पर तीन घंटे तक लंबा जाम लग गया. भारी वाहनों की कतारें दूर-दूर तक लग गईं, जिससे राहगीरों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस और प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद ही जाम को हटाया जा सका. 

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