Rajasthan: जिंदा सांपों के साथ यहां होता है ऐसा काम, सुनकर हो जाएंगे रोंगटे खड़े

why live snake fed camel: जिंदा सांपों को ऊंट को उनके भोजन के रूप में खिलाया जाता है. आखिर ऐसा क्यों किया जाता है?

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
why live snake fed camel

Snake Feed Camels: सांप को धरती पर सबसे जहरीले जानवरों में से एक माना जाता है. इनके बारे में यह जानकारी हैरान कर देने वाली है. जिंदा सांपों को ऊंटों को उनके भोजन के रूप में खिलाया जाता है. इसकी एक खास वजह है. दरअसल सांपों की प्रजातियों में कई ऐसे सांप हैं जिनके जहर से बड़ी-बड़ी बीमारियां चुटकियों में ठीक हो जाती हैं. लेकिन इसे ठीक करने का तरीका बेहद अद्भुत और रोंगटे खड़े कर देने वाला है. इन सांपों को राजस्थान के जहाज यानी ऊंटों के मुंह में जिंदा डाल दिया जाता है ताकि उन्हें एक जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके.

Hayam रोग से बचाने के लिए ऊंटों को खिलाया जाता है सांप

हयाम (Hayam) नामक इस बीमारी से जब ऊंट प्रभावित होते हैं तो वो खाना-पीना बंद कर देते हैं. उनका शरीर अकड़ने लगता है. इसके अलावा कई तरह के लक्षण जैसे सुस्ती, सूजन, बुखार और एनीमिया पैदा हो जाते हैं. कई बार यह बीमारी जानलेवा साबित हो जाती है . ऐसे में अरब देशों या मध्य पूर्व में ऐसा माना जाता है कि अगर ऊंट के साथ ऐसा हो रहा है तो उसे जहरीला सांप खिलाना चाहिए. इनके अनुसार यह इस बीमारी का एकमात्र इलाज है.

Advertisement

कैसे खिलाया जाता ऊंट को जिंदा सांप

ऐसे में ऊंट का मुंह खोलकर उसके अंदर सांप डाल दिया जाता है. इसके बाद पानी डाला जाता है ताकि सांप पेट के अंदर चला जाए. इससे सांप का जहर ऊंट के शरीर में फैल जाता है. जब असर कम होने लगता है तो ऊंट भी ठीक होने लगता है. कुछ ही दिनों में ऊंट पूरी तरह ठीक भी हो जाता है.

Advertisement

क्या कहना है पशु चिकित्सकों का

पशु चिकित्सक आज तक इस बीमारी के बारे में कुछ भी समझ नहीं पाए हैं क्योंकि वे इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं जुटा पाए है. पशु चिकित्सकों के अनुसार इस तरह से जिस बीमारी का इलाज किया जाता है वह कीड़ों  के काटने से होती है. हालांकि, ऊंटों को सांप खिलाकर ठीक किए जाने को पशु चिकित्सक भी परंपरा से ज़्यादा कुछ नहीं मानते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: Rajasthan: मैरिज एनिवर्सरी पर पत्नी को लिखा राजस्थान के IAS का लेटर वायरल, पढ़ने के बाद आप भी कहेंगे वाह!

Topics mentioned in this article