Rajasthan: टिकट काउंटर पर बैठने वालों को कंडक्टर के रूप में बसों के साथ रूट पर भेजा जा रहा है. टिकट के लिए यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यात्री टिकट बुकिंग नहीं करा पा रहे हैं. पहले काउंटर पर यात्रियों को टिकट के साथ सीट नंबर दिए जाते थे. अब बसों में ही यात्रियों को टिकट दिए जाते हैं. टिकट विंडो बंद किए गए चार दिन हो चुके हैं.
जोधपुर में 104 बसों में 208 कंडक्टर की जरूरत
जोधपुर आगार के पास 104 बसें हैं, इनके लिए 208 कंडक्टर और बस सारथियों की जरूरत है. दोनों मिलाकर 148 कर्मचारी ही हैं. बुकिंग क्लर्क के 38 पद खाली हैं. रोडवेज के कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि सरकार रोडवेज निजीकरण करना चाह रही है. इसके लिए यह पहला कदम है, इसका विरोध करेंगे. राइकाबाग बस स्टैंड से रोज 250 रोडवेज बस अप-डाउन होती हैं. रोज लगभग 15 हजार यात्री सफर करते हैं.
इन जिलों के लिए मिलती है बस
पाली, अहमदाबाद, नागौर, जयपुर, ब्यावर, जैतारण, बिलाड़ा, भीलवाड़ा, चितौड़, कोटा, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, फलोदी और बीकानेर के साथ अन्य डिपो की बसों के टिकट बुकिंग काउंटर पर मिलते हैं.
रोडवेज में 2013 से नहीं हुई भर्ती
रोडवेज में 2013 के बाद से कोई वैकेंसी नहीं आई. इसकी वजह से कर्मचारियों की कमी है. वर्तमान में राजस्थान में 52 डिपो हैं. 4200 बसें निगम के बेड़े मे हैं. 11 हजार 472 कर्मचारी हैं. रोडवेज पूरे प्रदेश में टिकट विंडो बंद करने की तैयारी में है. पाली, भीलवाड़ा के साथ अन्य डिपो में भी टिकट काउंटर बंद किए गए हैं. रोडवेज मुख्य प्रबंधक मुकनसिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया, "हमारे पास स्टाफ की कमी है, इसी के मद्देनजर बसों में ही यात्रियों को टिकट देने की व्यवस्था की गई है. जैसे ही बस सारधियों की व्यवस्था हो जाएगी, टिकट काउंटरों को शुरू कर देंगे.