राजस्थान में मूसलाधार बारिश से बढ़ी किसानों की टेंशन, फसलों की बर्बादी और पशुओं के चारे पर गहरा सकता है संकट

मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं. क्योंकि कई जिलों में अभी फसलों की बुवाई भी शुरू नहीं हुई है. तो कई जगह पकी हुई फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है.

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Farmers News: राजस्थान में मानसून अब आफत बनता जा रहा है. 26 जून से शुरू हुई बारिश एक-दो दिन रुकी और फिर लगातार बरसने लगी. मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं. क्योंकि कई जिलों में अभी फसलों की बुवाई भी शुरू नहीं हुई है. तो कई जगह पकी हुई फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है. धौलपुर के किसान जहां खरीफ फसलों की बुवाई का समय निकल जाने से चिंतित हैं, वहीं दौसा के किसान बाजरे की फसल पर संकट को लेकर परेशान हैं.

बारिश के कारण खेत बने तालाब

किसानों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश के कारण खेत तालाब बन गए हैं. बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार ज्वार, मक्का सहित कई फसलों की बुवाई का समय निकलता जा रहा है. खेतों में पानी भरा होने के कारण बुवाई नहीं हो पा रही है और जो फसलें बोई गई हैं, वे बर्बाद होने की कगार पर हैं. खेतों में इतना पानी भरा है कि उसे सामान्य होने में 15 दिन लगेंगे, जिसके बाद ही बुवाई हो सकेगी. वहीं किसानों ने बताया कि पशुपालकों के लिए भी यह मुश्किल समय है. क्योंकि खड़ी फसलों की कटाई नहीं हुई तो पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो सकता है.  वहीं मानसून विभाग भी पूर्वी राजस्थान में अतिवृष्टि की चेतावनी दे रहा है. जिससे किसान काफी चिंतित हैं. क्योंकि खेतों में अधिक पानी भर जाने से उनकी साल भर की मेहनत चंद मिनटों में खत्म हो जाएगी.

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पानी में बह जाते है मिट्टी के पोषक तत्व 

कहा जाता है कि ज्यादातर बारिश से बाढ़ आने का खतरा हमेशा बना रहता है, जिससे मिट्टी के पोषक तत्व बह सकते हैं और फसल को नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, बहुत ज़्यादा पानी की वजह से फसलें जलमग्न हो सकती हैं, जिससे जड़ें सड़ सकती हैं और बीमारी हो सकती है. 

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