Rajasthan Assembly Monsoon Session 2025 Live Updates: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है. बुधवार को सदन की कार्यवाही 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू हो गई है. इस दौरान 23 तारांकित और 23 अतारांकित प्रश्न पूछे जाएंगे. इन प्रश्नों में उपमुख्यमंत्री (उच्च शिक्षा विभाग), उद्योग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन, जनजाति क्षेत्रीय विकास, राजस्व, नगरीय विकास और ऊर्जा विभाग से जुड़े सवालों पर जवाब दिए जाएंगे.
सदन में पेश होंगे दो विधेयक
सदन में आज विधायी कार्य के तहत प्रवर समिति के प्रतिवेदित दो विधेयक सदन में लाए जाएंगे. इनमें 'राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंध प्राधिकरण विधेयक 2024' जिसे प्रभारी मंत्री कन्हैया लाल पटल पर रखेंगे और 'राजस्थान भू राजस्व संशोधन और विधि मान्यकरण विधेयक 2025' जिसे प्रभारी मंत्री हेमंत मीणा सदन में रखेंगे. चर्चा के बाद दोनों विधेयक पारित किए जाएंगे.
पूर्व विधायक को दी जाएगी श्रद्धांजलि
सदन में शून्यकाल के दौरान शोकाभिव्यक्ति की जाएगी. पूर्व विधायक प्रभुलाल पटेल को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके साथ ही देश और प्रदेश में अतिवृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और विद्यालय भवन गिरने से हुए हादसों के मृतकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी.
पहली बार दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
मौजूदा सत्र में पहली बार दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी आएंगे. विधायक ललित मीणा वन मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे. यह प्रस्ताव बारां जिले में हो रही अवैध कटाई, खैर कटाई, तेंदू पत्ता तुड़ाई और वन विभाग में कथित भ्रष्टाचार को लेकर होगा. वहीं विधायक रामनिवास गावड़िया पशुपालन मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे. यह प्रस्ताव नागौर जिले के परबतसर पशु मेले में कथित अव्यवस्था और मनमानी वसूली से जुड़ा होगा.
आज कई अधिसूचनाएं भी होंगी पेश
सदन में कई अधिसूचनाएं भी पेश की जाएंगी. उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी वित्त विभाग की दो अधिसूचनाएं रखेंगी. आपदा प्रबंधन से जुड़ी तीन अधिसूचनाएं डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पेश करेंगे.
पटल पर रखी जाएगी RIICO की एनुअल रिपोर्ट
इसके अलावा उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन रखेंगे. सभापति फूल सिंह मीणा अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखेंगे. यह प्रतिवेदन अनुसूचित जनजाति के कल्याण और विकास हेतु चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा पर आधारित होगा.
Here Are The Live Updates of Rajasthan Assembly Monsoon Session 2025
सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई
राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र खत्म हो चुका है. बुधवार (10 सितंबर) को सीएम भजनलाल शर्मा के जवाब के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने की. बता दें मानसून सत्र 1 सितंबर से शुरू हुआ था जो 10 सितंबर को खत्म हो गया.
सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने से लगातार बचती रही- गहलोत
अशोक गहलोत ने कांग्रेस की रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी ने जनहित से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाया है। हालांकिउन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने से लगातार बचती रही.गहलोत ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया लेकिन बाहर मीडिया से बातचीत में सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए. उन्होंने अतिवृष्टि से निपटने की स्थिति, विधानसभा में निजता के उल्लंघन और जनहित से जुड़े मामलों पर सरकार की भूमिका की आलोचना की.
कांग्रेस की गैर मौजूदगी में पारित हुआ राजस्थान भूजल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक
विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस की गैरमौजूदगी में राजस्थान भूजल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक पारित कर दिया गया. निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी सरहदी इलाकों में पानी की गंभीर स्थिति को लेकर भी चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पानी घी से भी महंगा हो गया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि केवल बिल लाने से बात नहीं बनेगी, बल्कि धरातल पर भी ठोस काम करना होगा. भाटी ने कहा कि पानी की समस्या से जूझ रहे इलाकों के लिए ठोस कार्ययोजना और तत्काल राहत जरूरी है तभी यह विधेयक कारगर साबित होगा.
विपक्ष ने लोकप्रियता के लिए क्या सदन का समय बर्बाद- सीएम भजनलाल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन की अपनी परंपराएं और गरिमा होती हैं, लेकिन विपक्ष केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए सदन का समय बर्बाद कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ही यह सदन कार्य करता है. विपक्ष जिस तरह से व्यवधान डाल रहा है, उसे प्रदेश की जनता देख रही है और समय आने पर उन्हें माफ़ नहीं करेगी.
शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में दिए अपने बयान में कहा कि मानसून सत्र जनता की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करने और समस्याओं से जुड़कर उनके समाधान के लिए आहूत किया गया है. लेकिन विपक्ष की ओर से ऐसा कोई ठोस मुद्दा नहीं रखा गया जिससे जनता की वास्तविक आवाज सदन तक पहुंच सके.
शर्मा ने कहा कि हाल ही में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने एवं प्रभावित लोगों के दुख दर्द बांटने के लिए विपक्ष का कोई भी नेता या जनप्रतिनिधि जनता के बीच नहीं गया. जबकि राज्य सरकार के सासंद, मंत्री, विधायक और अधिकारियों ने फील्ड में जाकर प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया तथा पीड़ित जनता की मदद कर उनके आंसू पोंछे. हैं. उन्होंने कहा कि जनता के हित में उठाई गई मेरी आवाज को विपक्ष नहीं दबा सकता.
जूली के साथ बंद कमरे में कांग्रेस नेताओं से मिल रहे अशोक गहलोत
राजस्थान विधानसभा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस वक्त नेता प्रतिपक्ष के रूम में कांग्रेस के विधायकों के साथ चर्चा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सदन में बोले
सीएम ने कहा- 'कुछ परंपरा एवं मर्यादाएं होती हैं. सस्ती लोकप्रियता ज्यादा नहीं चलती है. मानसून सत्र इसलिए आहूत किया जाता है कि जनता की समस्या से जुड़ सके. कोई भी विषय ऐसा नहीं है जिस पर चर्चा की जाए. विपक्ष की ताकत विपक्ष जनता की आवाज को लेकर आगे बढ़ना है.'
मुख्यमंत्री चेतावनी भरे लहजे में बोले, 'मेरी आवाज तो पहले भी नहीं रोक पाए, आगे भी नहीं रोक पाएंगे, यह आवाज ऐसी है जिसमें दम है. यह सदन जनता के लिए काम के लिए है. आपने सदन में जिस तरह से किया है उसे निश्चित रूप से राजस्थान की जनता देख रही है. मैं पूछना चाह रहा हूं राजस्थान में अति वृष्टि हो रही है आप कहां गए? आप एक भी व्यक्ति के पास गए हो तो बताइए? किसी भी गांव ढाणी में जाकर किसी के भी आंसू पोंछने का काम किया क्या? इनका मकसद सिर्फ अपने आप को सिद्ध करना है. फील्ड में जाते हैं तो पसीना बहाना पड़ता है. सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं यह नहीं हो सकता.
आपने सदन का समय बर्बाद किया है. राजस्थान की जनता आने वाले समय में आपको जवाब देगी. आप राजस्थान की जनता के साथ धोखा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की बात करने वाले जनता की बात कैसे करोगे. कभी कुछ पहन कर आ जाते हैं कभी कुछ पहन कर आ जाते हैं. यह आवाज रोकने का किसी में दम नहीं है जो रोक सके. इनको जनता से कोई सरोकार नहीं है. एक भी कांग्रेसी जनता के दुख दर्द में शामिल हो तो बताएं. हमारे जनप्रतिनिधि विधायक सांसदों प्रभारी अधिकारी जनता के बीच में जाकर मन की बात की है. दुख दर्द में मलहम लगाने का काम किया है. कभी कुछ धर्मांतरण बिल पास किया गया है यह उस दुख से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं. विपक्ष में मेरे साथी से पूछो, जब बादल होता है तो उनके सीने में दर्द होता है. मेरे साथियों से पूछो विपक्ष में साथियों के बीच में पूरा काम किया है जनता के काम को करेंगे.
विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया
विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
'15 मिनट सदन स्थगित करो कैमरे का एक्सेस किसके पास है बता दूंगा'
स्पीकर के बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'कैमरा लगाने से ऐतराज नहीं है. नए कैमरे लगाना अपग्रेड में नहीं आता है. यूट्यूब के माध्यम से जनता के बीच कार्रवाई सदन की जा रही है. नए जो दो कैमरे लगे हैं वह किस मद से लगे हैं, उनकी अनुमति ली या नहीं? उन दो कैमरों पर सदन कार्रवाई खत्म होने के बाद भी रिकॉर्डिंग होती रहती है, उस पर ऐतराज है.'
जूली ने आगे कहा, 'सदन में पहले से दो कैमरे लगे हैं तो दो कैमरे लगाने के कहां जरूरत पड़ी?'
नेता प्रतिपक्ष ने सदन चुनौती दी- कौन इन दो कैमरे का एक्सेस देखा रहा है. आप 15 मिनट सदन की कार्रवाई स्थगित कर दो मैं बता दूं.
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा, 'जो भी कैमरे लगे हैं वह सचिवालय विधानसभा के मद से लगे हैं. किसी की निजता इसे भंग नहीं हो रही है. 200 सदस्यों में किसी की प्राइवेसी नाम की कोई चीज नहीं है. सदन की सुरक्षा के लिए कैमरे लगे हुए हैं.
विधानसभा में लगे कैमरों पर स्पीकर का बयान
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा, 'कहीं ना कहीं सदन की गरिमा में कमी आ रही है. अगर सब मिलकर गरिमा बनाए रखेंगे, तो अच्छा मैसेज जाएगा. प्रदेश की 8 करोड़ जनता आपको देख रही है. ये कैमरे विधानसभा के सदन में शुरुआत से ही लगे हुए हैं. यह कैमरे विधानसभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड करते हैं. हाल ही में यूट्यूब का लाइव प्रसारण भी इन कैमरा के जरिए शुरू किया गया है. राष्ट्रमंडल संसदीय समिति की राजस्थान शाखा के तत्वाधान में आयोजित होने वाले विभिन्न सेमिनार भी इन कैमरों की मदद से प्रसारित किए जाते रहे हैं. यह कैमरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. इसलिए उनकी नियत लाइफ भी होती है.'
देवनानी ने आगे कहा, 'समय–समय पर सदस्यों द्वारा अधिकारी दीर्घा को लेकर आसन का ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है. अधिकारियों की दीर्घा में आसन के पांव पर होने के बावजूद कई बार आवाजाही होती है. ऐसे में अधिकारी दीर्घा की तरफ भी एक कैमरा लगाया गया है. सदन में लगाए गए कैमरे किसी सदस्य विशेष की तरफ फोकस नहीं किए गए है. यहां लगे हुए कैमरे 360 डिग्री पर घूमते हैं.'
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में लगे कैमरे से किसी भी सदस्य की निजता का उल्लंघन नहीं होता है. अन्य राज्यों की विधानसभा और लोकसभा में भी कैमरे लगे हुए हैं. इसलिए कैमरे की आवश्यकता कितनी है यह आज की स्थिति में हम सब महसूस करते हैं?
आपको ध्यान होगा, लोकसभा में एक व्यक्ति दीर्घा से कूद गया था. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी कैमरे महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
देवनानी ने कहा, इसलिए निजता को लेकर किसी को भी शंका करने की जरूरत नहीं है. देवनानी ने कहा कि, ना अब तक किसी की निजता भंग हुई है, ना ही किसी की निजता आगे भंग होगी.
देवनानी ने कहा, जो आरोप लगाए गए हैं, वह पूर्णतया निराधार हैं. देवनानी ने कहा - ना दबाव में आया हूं, ना आऊंगा. सदन की रक्षा के लिए नियमानुसार कार्रवाई करूंगा.
देवनानी ने आगे कहा, 'सदन चलाना सत्ता पक्ष और विपक्ष का काम है. पहले के अध्यक्षों की अपेक्षा मेरा लचीलापन ज्यादा रहा है. निजता ना भंग हुई है ना होगी, नेता प्रतिपक्ष का माइक हमेशा चालू रहेगा या निर्देश दे दिए हैं.'
शून्य काल में सदन में वापस लौट आए थे कांग्रेस के विधायक
शून्य काल में सदन में वापस लौट कांग्रेस के विधायक को देख संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने अपनी बात रखने के लिए अनुमति मांगी. जोगाराम पटेल बोले - विपक्ष के जो साथी कल आपसे व्यवस्था देने की मांग कर रहे थे. आपने व्यवस्था दे भी दी थी. लेकिन फिर सदन में उस व्यवस्था को नहीं माना गया.
इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने टोका. जूली ने पूछा - आप कल की बात कर रहे हो या आज के लिए व्यवस्था मांग रहे हो?
इस पर जोगाराम पटेल ने अपनी बात कहना जारी रखा. जोगाराम पटेल ने विपक्ष को कल के हंगामे के लिए जिम्मेदार बताया.
इस पर कांग्रेस के विधायकों ने एक बार फिर ऐतराज जताया. कांग्रेस के अधिकांश विधायक सदन के वेल में उठकर आ गए विरोध करने लगे. हंगामे और नारेबाजी की स्थिति बन गई थी. इस बीच अमीन कागजी और रोहित बोहरा विपक्ष की सीटों की तरफ बढ़ गए.
तब स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 1 बजे तक तत्काल स्थगित कर दी.
स्पीकर की तारीफ में राठौड़ बोले - मुश्किल वक्त कमांडर सख्त
उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने स्पीकर वासुदेव देवनानी की तारीफ करते हुए कहा, 'आप विपरीत परिस्थितियों में कमांडर की तरह सदन को चला रहे हैं. यह अच्छी बात है. विपक्ष टोपी और टी–शर्ट की राजनीति तक सिमट कर रह गया है. राठौड़ ने आगे कहा, 'हंगामे के बीच भी प्रश्नों के जबाब देते समय अच्छा लग रहा था.'
विपक्ष के वॉक आउट पर बोले - अब खालीपन सा लग रहा है.
जिसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा, 'मैं कभी दबाव में नहीं आता हूं. सदन को नियमानुसार चलाने की कोशिश करता हूं.'
सदन की कार्यवाही 1 बजे तक स्थगित
कांग्रेस के विधायक शून्य काल में सदन में लौटे. इसके बाद उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल विपक्ष को घेरने की कोशिश की. फिर सदन में बहस और हंगामा शुरू हो गई. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 1 बजे तक स्थगित कर दी.
विधानसभा के बाहर रफीक खान और गोपाल शर्मा में बयानों की जंग
रफीक खान ने कहा कि उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है, और इस नए कानून के तहत पहली कार्रवाई गोपाल शर्मा पर होनी चाहिए. खान ने आरोप लगाया कि पहले सदन में उन्हें 'पाकिस्तानी' कहकर प्रताड़ित किया गया और अब उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा है.
इस आरोप के जवाब में, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ रफीक खान से उनके मूल धर्म में लौटने का आग्रह किया था. शर्मा ने दावा किया कि रफीक खान और अमीन कागजी के परिवार मूल रूप से हिंदू धर्म में ही थे और भारत में 90% से ज़्यादा मुस्लिम कन्वर्टेड हैं. उन्होंने कहा कि अगर ये लोग अपने मूल धर्म में लौटते हैं, तो उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी. गोपाल शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि नए विधेयक में जबरन धर्म परिवर्तन पर कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन मूल धर्म में लौटने की अनुमति है, इसलिए उनका आग्रह कानून के खिलाफ नहीं है.
यहां लाइव देखें विधानसभा में आज की कार्यवाही
Rajasthan Assembly LIVE Updates: कांग्रेस विधायकों ने किया सदन से वॉक आउट
स्पीकर ने जब 'कैमरे से निगरानी' के मुद्दे पर प्रश्नकाल में व्यवस्था देने से इनकार कर दिया तो विपक्ष के नेताओं ने जमकर हंगामा किया. कुछ देर गतिरोध के बीच ही सदन की कार्यवाही चलती रही. हालांकि बाद में कांग्रेस के नेताओं ने सदन से वॉक ऑउट कर दिया.
कांग्रेस के विधायकों के गले में लगा देने चाहिए कैमरे - गोपाल शर्मा
राजस्थान विधानसभा में नए कैमरे लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कैमरों को "बिग ब्रदर और जग्गा जासूस" की तरह बताकर प्रदर्शन किया था, जिस पर गोपाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों की भाषा और व्यवहार को रिकॉर्ड करना बेहद जरूरी है.
'गले में कैमरे लगा देने चाहिए'
गोपाल शर्मा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा, 'कांग्रेस के विधायकों के तो गले में कैमरे लगा देने चाहिए, जिससे उनकी हर गतिविधि रिकॉर्ड हो सके.' उन्होंने कहा कि सदन के भीतर उनके आचरण और भाषा को देखा जाना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि वे क्या बोल रहे हैं.
शर्मा ने पिछले सत्र का जिक्र करते हुए कहा, 'आपने देखा, सदन में स्पीकर के लिए किस भाषा का इस्तेमाल किया गया? मीडिया में वह खबरें भी आई थीं. अगर उसका कहीं खंडन आया हो कांग्रेस की तरफ से तो बता दीजिए?'
उन्होंने आगे कहा कि अगर कांग्रेस के विधायक बुदबुदाते हुए भी किसी के लिए अपशब्द कहते हैं, तो वह गले में लगे कैमरे से रिकॉर्ड पर आ जाएगा. उनका यह बयान विधानसभा में चल रहे सीसीटीवी विवाद को एक नया मोड़ दे सकता है.
Rajasthan News LIVE: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा
राजस्थान विधानसभा में मानसूत्र सत्र की आखिरी बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में लगे कैमरों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ये निजता का उल्लंघन है. हम चाहते हैं कि आसन इस पर व्यवस्था दे कि ये कैमरे कब लगे? किस मकसद से लगे? क्या इसकी इंटेलीजिेंस से परमिशन ली गई? इसका एक्सेस कहां-कहां है? और ये जासूसी कौन कर रहा है?
इस आग्रह पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद इस पर व्यवस्था दूंगा. लेकिन टीकाराम जूली ने कहा कि आप पहले व्यवस्था दे दीजिए. उसके बाद ही कार्यवाही आगे बढ़ेगी. हम सिर्फ व्यवस्था देने की मांग कह रहे हैं.
इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. तब स्पीकर ने कहा कि ये कैमरे जब से भवन बना है तब से लगे हुए हैं. हंगामे के इस वातावरण में व्यवस्था नहीं दे सकते.
Rajasthan Assembly LIVE Today: कैमरे से निगरानी वाले मुद्दे पर बोले जवाहर सिंह बेढम
राजस्थान विधानसभा में सीसीटीवी कैमरों को लेकर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस के इस कदम को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने की साजिश बताया है. मंत्री ने कहा कि जब देश की संसद और अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी कैमरे लगे हैं और कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता है, तो प्राइवेसी का सवाल उठाना बेतुका है. उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में जिस तरह कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ बर्ताव किया था, उससे साफ है कि उनकी सोच सदन की परंपराओं को तोड़ने की है.
जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर जनता के मुद्दों से भागने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हाल ही में जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए एक बहुत अच्छा विधेयक पारित हुआ, लेकिन कांग्रेस ने इस पर चर्चा से बचने के लिए सदन से दूरी बना ली. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत अब विधायकों से मिलने के लिए पांच से अधिक लोगों को अनुमति नहीं है, जिससे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इन मुद्दों पर बहस नहीं करना चाहती, बल्कि सिर्फ बिना वजह के मुद्दे उठाकर सदन का माहौल खराब कर रही है.
विधानसभा पहुंचे स्पीकर वासुदेव देवनानी
राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र की आखिरी बैठक की अध्यक्षता करने के लिए स्पीकर वासुदेव देवनानी विधानसभा पहुंच चुके हैं.