Rajasthan Politics: 'बलात्कारी हमें मंज़ूर नहीं' मेवाराम जैन की वापसी पर कांग्रेस में भयंकर टकराव; बाड़मेर में लगे होर्डिंग्स

Barmer News: कांग्रेस का एक धड़ा जैन की वापसी को लेकर खुलकर विरोध कर रहा है. जानकारी के अनुसार, इस विरोध को लेकर कई कांग्रेसी नेता दिल्ली जाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी मिले थे और अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.

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Mewaram Jain Returns In Congress: बाड़मेर राजनीति इस समय गरमा गई है. पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी को लेकर जिले में समर्थक और विरोधी आमने-सामने हैं. जैन के आज बाड़मेर पहुंचने का कार्यक्रम है, जहां एक ओर उनके समर्थक स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर विरोध का जोर भी दिखाई दे रहा है.

बालोतरा से लेकर बाड़मेर तक बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं. इन पर लिखा गया है 'महिलाओं का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर कांग्रेस' और 'बाड़मेर हुआ शर्मशार, बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं'. इन आपत्तिजनक नारे और तस्वीरों ने माहौल को और अधिक गर्मा दिया है.

कांग्रेस का एक धड़ा जैन की वापसी को लेकर खुलकर विरोध कर रहा है. जानकारी के अनुसार, इस विरोध को लेकर कई कांग्रेसी नेता दिल्ली जाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी मिले थे और अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. जैन की वापसी को लेकर चल रहा यह टकराव बाड़मेर कांग्रेस के भीतर गहरी खाई को सामने ला रहा है. 

न नेताओं ने की खेमेबंदी

इस मामले के सामने आने के बाद विरोधी धड़ा सक्रिय हो गया है. इसमें पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, जिलाध्यक्ष गफूर अहमद, पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, प्रदेश सचिव लक्ष्मण गोदारा और आजाद सिंह राठौड़ भी दिल्ली पहुंच गए थे. दूसरी ओर, मेवाराम जैन के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. कार्यकर्ताओं ने शहर के अहिंसा सर्किल पर पटाखे जलाकर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाईयां दी और ढोल बजाए.  

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इन नेताओं की हुई वापसी, इसलिए किया गया था निलंबन 

  • मेवाराम जैन को सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो क्लिप्स वायरल होने और अनुशासन उल्लंघन के आरोपों के चलते निलंबित किया गया था. 

  • बालेंदु सिंह शेखावत पर लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप लगे थे. 
  • संदीप शर्मा पर एक महिला से संबंधों को लेकर अनैतिक आचरण के आरोप लगने के बाद पार्टी ने निलंबन की कार्रवाई की थी. 
  • अरविंद डामोर को डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा चुनाव के दौरान नामांकन-प्रकरण और पार्टी निर्देशों की पालना ना करने के चलते निष्कासित किया गया था. 
  • तेजपाल मिर्धा पर भी गठबंधन और चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता के आरोप थे. 
  • बलराम यादव पर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते कार्रवाई हुई थी.

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