pre-Monsoon Forecast: राजस्थान में प्री-मानसून (Pre-Monsoon) की बारिश ने तापमान में काफी गिरावट ला दी है. प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बादल जमकर बरस रहे हैं. इससे पारा काफी गिर गया है. पूरे प्रदेश में तापमान 43 डिग्री से नीचे चला गया है. तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में जालौर (Jalore) में अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री जबकि फलौदी में न्यूनतम तापमान 32.8 डिग्री दर्ज किया गया.
बीते दिन का तापमान
इसके साथ ही प्री मानसून को लेकर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण बारिश का यह दौर चल रहा है. यह अभी जारी रहेगा. इसके साथ ही राजस्थान में पिछले 24 घंटे में झालावाड़, कोटा और जयपुर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई. जिसमें सबसे ज्यादा 117 मिलीमीटर बारिश (अति भारी बारिश) झालावाड़ के खानपुर में दर्ज की गई. इसके अलावा चेचपदरा कोटा में 106 गंगधार, झालावाड़ में 84 मिलीमीटर, फागी जयपुर में 80 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. वहीं पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर के पचपदरा में सबसे ज्यादा 23 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
अगले 24 घंटे का पूर्वानुमान
जयपुर मौसम केंद्र (Jaipur Mausam Kendra) के ताजा अपडेट के अनुसार अगले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. आने वाले दिनों में दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून की गतिविधियां जारी रहेंगी. इसके साथ ही अगले 3-4 दिनों तक उदयपुर, कोटा, जोधपुर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में बिजली चमकने और बारिश की सक्रियता जारी रहने की संभावना है. इसके साथ ही अगले दो-तीन दिनों तक उत्तरी और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में कमी और तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है.
मोनसून अपडेट (Monsoon Update)
अभी तक मानसून के शुरुआती दिनों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में मिलाजुला असर देखने को मिला है. इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में जल्दी दस्तक दी है. इस बार मानसून के एक साथ पूरे पूर्वोत्तर भारत को कवर करने के बाद भी इसकी गति शुरू से ही काफी अनिश्चित रही. लेकिन अब इसकी स्थिति अनुकूल है, जिससे स्थिति में बदलाव के संकेत मिले हैं. और इसके अनुसार अनुमान है कि 25 और 26 जून को मानसूनी बारिश की तीव्रता और प्रसार में वृद्धि होगी. इस स्थिति के कारण राजस्थान में मानसून थोड़ा पहले पहुंच सकता है.
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