Rajasthan: जैसलमेर में रिकॉर्ड गर्मी, चित्तौड़-टोंक में मानसून की पहली बारिश में ही जनजीवन अस्त-व्यस्त

Monsoon Rains: चित्तौड़गढ़, टोंक और भरतपुर में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश ने व्यवस्था की पोल खोल दी हैं. घरों से लेकर दुकानों तक पानी घुस गया है.

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Rajasthan Weather Update: रेगिस्तान में एक तरफ रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. वहीं, राजस्थान के कई हिस्सों में झमाझम बारिश का दौर जारी है. आज (19 जून) राजस्थान में जैसलमेर सबसे गर्म जिला रहा. जिले में दिन का तापमान 43 डिग्री तक पहुंचा. वहीं, कृषि मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आगामी 4 दिन हिटवेव चलेगी. इससे तापमान में भी 2 डिग्री की बढ़ोतरी की संभावना है. जबकि भरतपुर में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. शहर के कई इलाकों में जलभराव की वजह से सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं. शहरवासियों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. घरों के भीतर पानी घुस गया और आदर्श नगर- नमक कटरा जैसे इलाकों में स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है.

सड़कों पर पानी, ऑटो को धक्का लगाते नजर आए ड्राइवर

दोनों कॉलोनियों की सड़कों पर पानी जमा हो चुका है, जिसके कारण दोपहिया और चारपहिया वाहन बीच सड़क में ही बंद हो जा रहे हैं. कई ऑटो चालक पानी से भरी सड़कों पर ऑटो को धक्का लगाते नजर आए. पैदल चलना तो दूर, बच्चों और बुजुर्गों के लिए घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है. गलियों में जल का बहाव इतना तेज है कि वह किसी छोटे नदी की तरह प्रतीत हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीवरेज कार्य के कारण पहली बारिश में यह स्थिति बन गई है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं किया गया है. 

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बारिश में फुलेरा (जयपुर ग्रामीण) का नजारा.

टोंक में पहली बारिश में ही खुल गई पोल 

टोंक जिले के मालपुरा में गुरुवार को हुई मानसून की पहली बारिश में ही मालपुरा नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई. बरसात के घंटेभर में ही बस स्टैंड के पास महावीर मार्ग पर बाजार की दुकानों में पानी घुस गया. मानसून से पहले ऐसे हालात देखकर क्षेत्रवासियों को चिंता सतानने लगी है. वहीं, इस तेज बरसात से किसानों के चेहरों पर चमक देखने को मिली है.  

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चित्तौड़गढ़ में रिकॉर्ड 1-1 इंच से ज्यादा बारिश

चित्तौड़गढ़ में भी नदी-नालों में पानी की आवक शुरू हो गई हैं. बीते 24 घंटे में कपासन, निम्बाहेड़ा और बेगूं में 1-1 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई हैं. पिछले 3-4 दिन से हो रही बारिश ने जिले को तरबतर कर दिया. जिले में 1 जून से अब तक 8.38 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई हैं. लगातार बारिश से निम्बाहेड़ा क्षेत्र के केली-रठाजना मार्ग स्थित नदी पर बना एनीकट छलक पड़ा. 

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