International Yoga Day 2025: राजस्थान सीएम भजनलाल ने योग दिवस के लिए जैसलमेर के खुहड़ी गांव को ही क्यों चुना?

Rajasthan News: योग दिवस के मौके पर सीएम भजन लाल ने स्वर्ण नगरी के खुहड़ी को एक यादगार पल देने की कोशिश की है. साथ ही इसके टूरिजम में एक नई जान डालने की कोशिश भी की है.

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khuri village

Jaisalmer Khuri Village: इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने योग के लिए जैसलमेर की सीमा से सटे खुहड़ी गांव को चुनकर सबको चौंका दिया है. भले ही मानसून ने राज्य के दक्षिण-पश्चिम में दस्तक दे दी हो, लेकिन अभी भी प्रदेश का पश्चिमी  हिस्सा बेहद गर्म है. स्वर्ण नगरी जैसलमेर में तापमान अभी भी 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जा रहा है. यहां ऐसी गर्मी पड़ रही है जिसमें लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है, सीएम भजन लाल ने स्वर्ण नगरी के खुहड़ी को एक यादगार पल देने की कोशिश की है. साथ ही इसके टूरिजम में एक नई जान डालने की कोशिश भी की है.

राजस्थानी पांरपरिक शैली की जान है खुहड़ी

जैसलमेर से मात्र 40 किलोमीटर दूर स्वर्ण नगरी के रेतीले धोरों में बसा खुहरी के मखमली टीले पूरे राज्य में मशहूर हैं. यह भले ही एक छोटा सा गांव है, लेकिन अपनी सादगी के लिए काफी मशहूर है. यह गांव डेजर्ट नेशनल पार्क में स्थित है और हर साल यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इस गांव में करीब 100 छोटी-छोटी बस्तियां हैं और इस पर 400 से भी ज्यादा सालों तक राजपूतों का राज रहा है. खुहरी की सभी बस्तियां अपनी पारंपरिक जीवनशैली को बनाए रखती हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित रखती हैं. यह इलाका कई तरह की वन्यजीव प्रजातियों जैसे रेगिस्तानी लोमड़ी, नेवला, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, मोर, चिंकारा और नीलगाय का भी घर है. यहां की डेसर्ट सफारी हमेशा से सैलानियों की पहली पसंद बनी है. लेकिन आवागमन के बेहतर साधन न होने के कारण यहां सैलानियों के पहुंचना आसान नहीं होता है. 

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आवागमन के समुचित साधनों का न होना

इन सब खासियतों के बावजूद मखमली टीलों के बीच बसा यह गांव पिछले कुछ समय से अपनी सांस्कृतिक पहचान खोता जा रहा है. इसका कारण यहां आवागमन के समुचित साधनों का न होना है. दरअसल, खुहड़ी के टीलों की ऊंचाई सम से ज्यादा है, लेकिन सिंगल रोड होने के कारण खुहड़ी अपनी पहचान मजबूत आधार पर स्थापित नहीं कर पाया है. जैसलमेर से सम और खुहड़ी की दूरी बराबर है, लेकिन सम तक डबल लेन सड़क होने के कारण पर्यटकों की यहां आसानी से पहुंच होती है. लेकिन कई बार कुछ पर्यटक राजस्थानी संस्कृति को करीब से जानने के लिए इस ओर भी रुख कर लेते हैं. इसके कारण यह अब तक अपनी पहचान बनाए हुए है. इसी के चलते पिछले कुछ समय से खुहड़ी के पर्यटन को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की हो रही है कोशिश

अब भजनलाल सरकार खुहड़ी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आगे आई है. क्योंकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. यहां हस्तशिल्प, लोक कला, होम स्टे, सफारी और कैंपिंग के जरिए गांव की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.

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