Rajasthan News: झालावाड़ अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में इन दिनों नवाचारों का दौर जारी है. यहां पर लगातार नवाचार किये जा रहे हैं और महंगे ऑपरेशनों को यहां निशुल्क किया जा रहा है. जिससे आम जनता को काफी सुविधाएं मिल रही है और लाभान्वित रोगियों के परिजनों की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं है. यहां पूरे राज्य में पहली बार सरकारी अस्पताल में अवेक ब्रेन सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है. जो इस मेडिकल कॉलेज की विशेष उपलब्धि मानी जा रही है.
यह है पूरा मामला
मामले में अधिक जानकारी देते हुए डॉक्टर रामसेवक योगी ने बताया कि झालावाड़ के पिडावा क्षेत्र के दूधालिया का रहने वाला 46 वर्षीय हजारीलाल पिछले 1 साल से सर के दर्द से परेशान था. लगभग एक माह पहले वह अपने बाएं हाथ और पैर में कमजोरी के चलते झालावाड़ के srg अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में दिखाने के लिए आया था, जहां सीटी स्कैन और एमआरआई करने पर पता चला कि उसके दिमाग में एक ट्यूमर है.
जरा सी भी चूक पड़ सकती थी भारी
मामले में जटिलता यह थी की यह ब्रेन ट्यूमर मरीज के मस्तिष्क के मोटार एरिया के पास था. ऐसे में ऑपरेशन करना अत्यधिक जटिल था. क्योंकि जिस भाग में ट्यूमर था, वह बाएं हाथ और पैर को कंट्रोल करता है. ऐसे में जरा सी भी चूक होने पर मरीज के हाथ और पैर बेकार हो सकते थे. इसलिए अवेक ब्रेन सर्जरी करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ० रामसेवक योगी ने निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ० राजन नन्दा से बात कर अवेक ब्रेन सर्जरी करने का प्लान किया गया.
क्या है अवेक ब्रेन सर्जरी
चिकित्सकों ने जानकारी देते हुए बताया कि अवेक ब्रेन सर्जरी वह प्रक्रिया है जिसमें मरीज को बिना बेहोश किये दिमाग का ऑपरेशन करते है. ऑपरेशन के दौरान मरीज के हाथ-पैरों की ताकत और चलने की क्षमता के अनुसार ही ब्रेन के भाग को निकाला जाता है. निकाले हुए ट्यूमर की तुरंत जांच करके उसके प्रकार के बारे में पता लगाया जाता है. ऑपरेशन के दौरान की जा रही ट्यूमर की जांच के लिए ऑपरेशन थिएटर में पैथोलॉजिस्ट भी मौजूद रहते हैं.
ऑपरेशन थियेटर में ही जिससे ट्यूमर के टिश्यू की जांच करके पता लगाया जाता है कि गांठ किस प्रकार की है. अवेक ब्रेन सर्जरी यानी जागृत मस्तिष्क सर्जरी में मरीज आपरेशन के दौरान होश में रहता है और चिकित्सक उससे ऑपरेशन के दौरान लगातार सवाल पूछते रहते हैं. मरीज द्वारा दिए जा रहे जवाबों के आधार पर चिकित्सक यह तय करते हैं कि सर्जरी के दौरान ट्यूमर और मस्तिष्क के कितने भाग को निकालना है कि मरीज में कोई अपंगता नहीं आए.
सरकारी अस्पताल में राजस्थान का पहला ऑपरेशन
इस तरह के ऑपरेशन आमतौर पर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों के नामी अस्पतालों में बड़े महंगे पैकेज पर ही संभव हो पाते हैं. क्योंकि इस तरह के ऑपरेशन में ब्रेन मैपिंग मशीन सहित बड़ी ही एडवांस टेक्नोलॉजी वाली मशीनों की आवश्यकता होती है. जिनकी कीमत करोड़ों रुपये में होती है. एक अनुमान के अनुसार निजी अस्पतालों में इस प्रकार के ऑपरेशन में 20 से 25 लाख रुपये खर्च हो जाते हैं. ऐसे में झालावाड़ के सरकारी अस्पताल में निशुल्क रूप से किया गया यह ऑपरेशन उन मरीजों के लिए एक आशा की किरण है. जो महंगा इलाज नहीं करवा सकते हैं.
मरीज और परिजन बोले कोटि-कोटि धन्यवाद
जिस मरीज के ट्यूमर की सर्जरी की गई अब वह पूरी तरह से ठीक है. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि उसको शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. फिलहाल उसको ऑब्जरवेशन के लिए आईसीयू वार्ड में रखा गया है. लेकिन वह बोल और चल फिर रहा है.
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