Rajendra Gudha: राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. एक बार फिर से जन समर्थन जुटाने के लिए गली-मोहल्ले में कार्यक्रम भी कर रहे हैं. हाल ही में उनका विवादित बयान वाला वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने जाट समाज पर टिप्पणी की थी. इसके बाद उनका एक और वीडियो सामने आया है. बीते दिन शुक्रवार को उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान गुढ़ा ने झुंझुनू सांसद बृजेंद्र सिंह ओला (Brijendra singh ola) पर बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि अगर शीशराम ओला के घर बृजेंद्र सिंह ओला का जन्म ना होता तो उनकी सगाई ना होती. इससे पहले भी उन्होंने एक स्वागत कार्यक्रम के दौरान कहा था कि झुंझुनूं में 70 साल से जाटों का राज है. जाट ही सारे अधिकारी लगे हुए हैं, तो दूसरी जाति के लोगों का विकास कैसे होगा. उनके इस बयान का काफी विरोध भी हुआ था.
नेताओं में दम होना चाहिए, जनता मौका देती है- गुढ़ा
दरअसल, वह विधायक और मंत्री रहने के दौरान करवाए विकास कार्य को गिना रहे थे. उन्होंने क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के संबंध में कामों का श्रेय लेते हुआ कहा कि मैंने उदयपुरवाटी में ट्यूवबेल लगवाया, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि पैसे लिए. नेताओं में दम होना चाहिए, जनता मौका देती है. इसी दौरान उन्होंने झुंझुनू के पूर्व विधायक और वर्तमान सांसद बृजेंद्र ओला पर तंज कसते हुए कहा कि वह शीशराम ओला के घर जन्म लेते तो विधायक-सांसद तो दूर, उनकी सगाई भी ना होती.
ओला परिवार और राजेंद्र गुढ़ा के बीच होगा मुकाबला?
बता दें कि इस साल लोकसभा चुनाव में बृजेंद्र ओला के कांग्रेस से सांसद चुने जाने के बाद झुंझुनूं विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इसके बाद कांग्रेस के भीतर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त भी सामने आ चुकी है. संभावना है कि ओला परिवार का कोई सदस्य विधानसभा के टिकट पर दावा ठोंक सकता है. उनके बेटे अमित ओला, बहू आकांक्षा ओला और पत्नी राजबाला ओला का नाम काफी चर्चा में हैं. वहीं, बीजेपी की ओर से विशंभर पुनिया, शुभकरण चौधरी, राजेंद्र भांबू, बबलू चौधरी, राजेश बाबल, हर्षीणी कुलहरी, संतोष अहलावत, बनवारी लाल सैनी और मुकेश दाधीच प्रमुख नाम है. इन सबके बीच राजेंद्र गुढ़ा के भी चुनाव लड़ने को लेकर कयासों का बाजार गर्म है.