Rajasthan:  "राजेंद्र राठौड़ छात्रसंघ अध्‍यक्ष बने तो प‍िता बहुत नाराज हुए", पढ़‍िए छात्र राजनीत‍ि से लेकर व‍िधानसभा तक का सफर

Rajasthan: बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ 7 बार के लगातार व‍िधायक रहे. वे छात्र जीवन से ही वे राजनीत‍ि में सक्रिय रहे. पढ़‍िए छात्र राजनीत‍ि से लेकर व‍िधानसभा पहुंचने तक का सफर.

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बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़. (फाइल फोटो)

Rajasthan: बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने एक न्‍यूज चैनल के पॉडकास्‍ट में छात्र राजनीत‍ि से लेकर व‍िधानसभा तक पहुंचने के सफर के बारे में बताया है. उन्होंने इसका छोटा वीड‍ियो क्‍ल‍िप भी अपने सोशल मीड‍िया अकाउंट 'X' पर शेयर क‍िया है. ज‍िसमें उन्होंने कहा, "मैं व‍िद्यालय और महाव‍िद्यालय के समय से ही छात्रसंघ की राजनीत‍ि में अति सक्रि‍य था. कई बार अलग-अलग फैकल्‍टी के अंदर अध्‍यक्ष रहा और कई बार क्‍लास र‍िप्रजंटेट‍िव रहा. 

छात्रसंघ अध्यक्ष बने तो पिता जी हुए नाराज  

उन्होंने कहा क‍ि व‍िश्‍वव‍िद्यालय में आने के बाद यहां के रंगत में रंग गया. छात्र और छात्र आंदोलन से ऐसे जुड़ा की दो साल बाद ही छात्र सिनेटर बन गया. इसके बाद छात्र राजनीत‍ि का स‍िलस‍िला शुरू हो गया. उन्होंने कहा, "जब मैं छात्र संघ का अध्‍यक्ष न‍िर्वाच‍ित हुआ तो मेरे में डर हुआ क‍ि मेरे छात्र संघ अध्‍यक्ष के न‍िर्वाचन होने को लेकर बहुत नाराज होंगे. और हुआ भी वही. प‍िता जी बहुत नाराज हुए."

"परीक्षा देने नहीं जाता था"

उन्होंने कहा क‍ि कुछ ऐसा स‍िलस‍िला चल पड़ा की पढ़ने-ल‍िखने की राह से चलकर राजनीत‍ि की ओर कदम बढ़ते चले गए. पर‍िवार वालों के गुस्‍से का श‍िकार होता चले गया. इसके बाद पर‍िवार के लोगों को आश्‍वासन द‍िया की अब प्रत‍ियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटेंगे. प्रत‍ियोगी परीक्षाओं का फार्म भरता था, लेक‍िन कुछ बहाने करके परीक्षा देने नहीं जाता था. छात्र राजनीत‍ि, इसके बाद युवा राजनी‍त‍ि‍ फ‍िर बहुत ही जल्दी व‍िधानसभा तक पहुंच गया. 

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"छात्रसंघ प्रजातंत्र की फुलवारी" 

राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "छात्र राजनीत‍ि को मैं प्रजातंत्र की फुलवारी मानता हूं. छात्र राजनीत‍ि और छात्र संघ को मैं प्रजातंत्र और लोकतंत्र की पहली पाठशाला मानता हूं. मैं इस बात का प्रबल समर्थक हूं क‍ि न‍िश्‍च‍ित समय के अंदर छात्र राजनीत‍ि के चुनाव होने चाह‍िए. राजस्‍थान के व‍िधानसभा में एक समय ऐसा था जब डेढ़ दर्जन छात्र संघ के अध्यक्ष राजस्‍थान के व‍िधानसभ में थे."

1979 में छात्र संघ अध्यक्ष बने 

राजेंद्र राठौड़ की हनुमानगढ़ में स्‍कूली श‍िक्षा हुई. इसके बाद राजस्‍थान व‍िश्‍वव‍िद्यालय से एमए, डीएलएल और एलएलबी की ड‍िग्री ली. 1978 में राजस्‍थान व‍िश्‍वव‍िद्यालय में छात्र संघ के अध्‍यक्ष चुने गए. 1990 में पहली बार व‍िधायक बने. उसके बाद लगातार सात बार व‍िधायक बने. 2023 के व‍िधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस से चुनाव हार गए. 

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