Rajasthan Politics: राजेंद्र सिंह गुढ़ा का बड़ा बयान, बोले- 'मैं एक मिनट में लाल डायरी सौंप दूं अगर...'

9 सितंबर को राजेंद्र सिंह गुढ़ा शिव सेना (शिंदे गुट) में शामिल हो चुके हैं, जिसके बाद कयास थे कि शिव सेना महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. लेकिन भाजपा ने उदयपुरवाटी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर इन संभावनाओं को खारिज कर दिया.

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राजेंद्र सिंह गुढ़ा (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान में एक बार फिर लाल डायरी (Lal Dairy) को लेकर सियासत गर्म है. गहलोत सरकार से बर्खास्तगी के बाद लाल डायरी लेकर आने वाले शिवसेना नेता राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) ने एक बार फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) पर हमला बोला है. गुढ़ा ने कहा, 'खरगे साहब कह रहे हैं उनकी जीत का दावा है. उस लाल डायरी में जीत का दावा नहीं, जेल का दावा है. लाल डायरी में राज तो हैं ही, तभी खरगे और हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री बोल रहे हैं. इसको लेकर रोज मुकदमे लग रहे हैं. रोज दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. लाल डायरी को हासिल करने के लिए गहलोत भी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. क्या जुल्म और सितम नहीं किए जा रहे. जो सब वह कुछ कर सकते हैं, उन्होंने वो सब किया.'

'एक मिनट में सौंप दूंगा लाल डायरी'

इस मौके पर जब राजेंद्र सिंह गुढ़ा से पूछा गया कि वे इसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कब सौपेंगे? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'यदि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स कोई कार्रवाई करें तो उन्हें लाल डायरी के पन्ने सौंपने में कोई परहेज नहीं है. लेकिन तीन पन्ने सार्वजनिक करने के बाद भी आज तक किसी ने उस पर कुछ नहीं कहा है, न कोई एक्शन हुआ है. यदि कांग्रेस को लगता है कि लाल डायरी में कुछ नहीं है तो फिर उन्हें आगे आकर इस डायरी को जनता के सामने रखना चाहिए. यदि जांच एजेंसी दूध का दूध पानी का पानी करने का विश्वास दिलाए तो वे एक मिनट में उन्हें लाल डायरी सौंप दूंगा.'

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'किसी का इंतजार नहीं, फिर जीतूंगा चुनाव'

इस मौके पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि लोगों का कहना है कि वे उदयपुरवाटी में अपने सामने प्रत्याशियों की घोषणा होने तक इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. वे किसी से नहीं डरते. यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद भी उनके सामने चुनाव लड़ने आ जाए तो वे ही जीतेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो डाउन ही होते जा रहे हैं. इसलिए उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.

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शिव सेना का हाथ थाम चुके हैं गुढ़ा

आपको बता दें कि 9 सितंबर को राजेंद्र सिंह गुढ़ा शिव सेना (शिंदे गुट) में शामिल हो चुके हैं, जिसके बाद कयास थे कि शिव सेना महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. लेकिन भाजपा ने उदयपुरवाटी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर इन संभावनाओं को खारिज कर दिया. वहीं राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी सोशल मीडिया पर अब शिव सेना के चुनाव चिह्न को अपनी पोस्ट के साथ लगाने लग गए हैं, जिससे साफ है कि गुढ़ा शिव सेना से चुनाव लड़ेंगे.

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कांग्रेस ने नहीं खोले हैं अभी पत्ते

उदयपुरवाटी विधानसभा में राजेंद्र सिंह गुढ़ा को हराना कांग्रेस की प्राथमिकताओं में है, क्योंकि जिस तरह की बयानबाजी गुढ़ा ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस के लिए की है, ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम किसी भी सूरत में गुढ़ा को वापिस विधानसभा में नहीं देखना चाहते. यही कारण है कि उदयपुरवाटी में सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट दिया जाएगा. वर्तमान में टिकट की लड़ाई दो-तीन नामों के बीच चल रही है, जिसमें मुरारी सैनी व भगवानाराम सैनी, गहलोत की माली जाति से आते हैं. इनमें मुरारी सैनी सीएम के करीबी हैं तो भगवानाराम सैनी पिछली बार कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं जिन गुर्जर मतदाताओं के दम पर गुढ़ा अपनी जीत सुनिश्चित बता रहे हैं, कांग्रेस रविंद्र भडाना के नाम पर भी विचार कर रही है. ताकि भड़ाना खुद गुर्जर होने के नातें गुर्जर वोटों को रोके और माली मतदाताओं के सहयोग से गुढा को हरा सके. इन सभी समीकरणों के बीच सभी की नजर कांग्रेस की टिकट पर टिकी हुई है.