Dausa Assembly Seat: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर प्रदेश में सियासत की अलग ही हवा चल रही है. वहीं इस उपचुनाव में परिवावाद का मुद्दा बीजेपी पर ही भारी पड़ रही है. राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में दौसा विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट में से एक हैं. वहीं दौसा सीट पर बीजेपी ने टिकट किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को दिया है. इसके बाद से दौसा सीट पर परिवारवाद का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है. क्योंकि किरोड़ी लाल मीणा के परिवार से दो विधायक पहले से ही है और अब जगमोहन तीसरे विधायक की दावेदार बन रहे हैं. ऐसे में यह परिवारवाद का मुद्दा बन गया है. वहीं परिवारवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी अब दौसा सीट पर परिवारवाद पर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं.
दौसा सीट पर परिवारवाद के सवाल पर पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता प्रभुलाल सैनी ने अनोखा तर्क दिया. उन्होंने कहा, जगमोहन मीणा अलग यूनिट है. अलग यूनिट मतलब एक ही राशन कार्ड में एक ही परिवार है. जगमोहन मीणा अपने आप में अलग यूनिट रखते हैं, साथ ही राजेंद्र मीणा भी अलग राशन कार्ड रखते हैं. वहीं अब परिवारवाद पर दिग्गज बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भी अपना बयान दिया है.
दौसा सीट परिवावाद से परे
दौसा सीट पर परिवारवाद पर राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि एक परिवार में अगर दो योग्यताएं हैं तो दूसरी योग्यता को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, इसलिए दौसा का टिकट परिवारवाद से परे है. राठौड़ ने कहा, दौसा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा के लिए सभी समाजों में एक लहर चल रही है. जिसके चलते अब ऐसे लगता है कि बीजेपी पूर्व में जब यहां से जीती थी उससे कहीं अधिक मतों से अब जीतेगी.
वहीं, सामान्य सीट पर जगमोहन मीणा को टिकट देने के सवाल पर राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कोई जात बिरादरी नहीं देखती भारतीय जनता पार्टी तो सिर्फ योग्य उम्मीदवार देखते हैं और हमें जगमोहन मीणा से अच्छा कोई योग उम्मीदवार नहीं मिला तो जगमोहन मीणा को सामान्य सीट पर चुनाव लड़वाया गया है.
बहरहाल, दौसा में बीजेपी के बड़े नेता किरोड़ी लाल मीणा को दौसा विधानसभा उपचुनाव का टिकट मिला है तब से प्रत्येक बीजेपी नेता का परिवारवाद की अलग-अलग परिभाषाएं बताई जा रही है.
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