Rajnath Singh: तनोट माता के दरबार में राजनाथ सिंह ने टेका माथा, 1965 युद्ध के न फटे बम के गोलों को देखकर हुए हैरान

Rajasthan News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी शुक्रवार को अपने देश की पश्चिमी सीमा के दौरे के दूसरे दिन जैसलमेर में बने तनोट माता मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की. यहां उन्होंने 1965 युद्ध में न फटे बम देख हैरान हुए.

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तनोट माता के दरबार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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Rajnath Singh at Tanot mata Temple: राजस्थान की स्वर्ण नगरी में गरुवार  को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरें पर जैसलमेर पहुंचे. यहां वे देश की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा और सैन्य रणनीति को नई दिशा देने के लिए भारतीय सेना की महत्वपूर्ण 'आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस' शामिल होने पहुंचे है. यहां दौरे के दूसरे दिन  रक्षा मंत्री ने तनोट माता मंदिर पहुंचकर विशेष पूजा-अर्चना की. यहां उन्होंने 1965 युद्ध में न फटे बम देख हैरान हुए.

वरिष्ठ अधिकारियों ने की अगवानी

रक्षा मंत्री जैसलमेर एयरबेस से हेलीकॉप्टर के जरिए सीधे माता के पवित्र स्थल पर पहुंचे. जहां थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. तनोट माता मंदिर परिसर पहुंचने पर, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री की अगवानी की. इनमें BSF सेक्टर नॉर्थ के डीआईजी जतिंद्र सिंह और साउथ सेक्टर के डीआईजी महेश कुमार नेगी प्रमुख रूप से मौजदू थे. मंदिर परिसर में कमांडेंट नीरज शर्मा ने उनका स्वागत किया.

सुरक्षा समीक्षा बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मौजूद सैन्य दल में थलसेना अध्यक्ष के अतिरिक्त, दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-चीफ धीरज सेठ, कोणार्क कोर के लेफ्टिनेंट जनरल एवीएस राठी और बैटल एक्स डिवीजन के जीओसी अशीष खुराना भी शामिल थे. मंदिर में दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना के बाद, रक्षा मंत्री ने तनोट परिसर में सीमा पर तैनात जवानों से संवाद किया और क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.

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1965 युद्ध में न फटे बम देख राजनाथ सिंह हुए हैरान

इसके अलावा रक्षा मंत्री ने माता के दर्शन के बाद, उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान के जरिए तनोट राय माता मंदिर परिसर पर गिराए गए उन बम के गोलों को देखा जो फटे नहीं थे. इसके बाद सिंह ने लोंगेवाला बॉर्डर पर चल रही एक्सरसाइज थार शक्ति को देखा. राजस्थान एक्सरसाइज थार शक्ति भारतीय सेना की एक एक्सरसाइज है जो रेगिस्तानी इलाकों में ज़मीन पर होने वाली लड़ाई पर फोकस करती है.

तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा रणनीतियों पर होगी चर्चा 

 जैसलमेर में 23 से 25 अक्टूबर तक यह कॉन्फ्रेंस जारी रहेगी. इसमें रक्षा मंत्री और सेना के वरिष्ठ अधिकारी देश की सुरक्षा स्थिति और भविष्य की सैन्य रणनीतियों पर चर्चा करेंगे. सूत्रों के अनुसार, इस दौरान थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी अग्निवीर योजना के तहत स्थायी भर्ती का कोटा 25% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव रखेंगे.

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