Rajsamand: एक ही साल में मजदूरों के बच्चों को मिली 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की स्कॉलरशिप, प्रशासन की मुहिम लाई रंग

Rajasthan: जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में 1 अक्टूबर, 2024 से प्रोजेक्ट श्रम सम्बल शुरू किया गया था.

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'प्रोजेक्ट श्रम संबल' के लाभार्थी

'Project Shram Sambal' in Rajsamand: राजसमंद में मजदूरों के परिवारों के लिए चलाया जा रहा नवाचार 'प्रोजेक्ट श्रम संबल' सफल होता नजर आ आ रहा है. इस अभियान के तहत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जा रहा है. साल 2024-25 में 6 हजार 455 बच्चों को 6.07 करोड़ रु. की छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 10 गुना है.  पिछले साल 2023-24 में 571 बच्चों को महज 53.06 लाख रु. की छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई थी. इस बार जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देश के बाद इस कार्यक्रम के तहत ना सिर्फ लक्ष्य हासिल किया, बल्कि बड़े स्तर पर लाभ पहुंचाने की कोशिश भी की गई है. 

1 अक्टूबर, 2024 को शुरू किया गया था प्रोजेक्ट

दरअसल, जिला कलक्टर असावा के निर्देशन में एक नवाचार शुरू किया गया था. इसके तहत निर्धन, पात्र एवं जरूरतमंद श्रमिकों के जीवन में बेहतर बदलाव लाने की दृष्टि से 1 अक्टूबर, 2024 से प्रोजेक्ट श्रम सम्बल शुरू हुआ. प्रशासन के मुताबिक, अब इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं. 

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राजसमंद कलेक्टर बालमुकुंद असावा

3 विभागों का दिखा समन्वय, पंचायत स्तर तक पहुंचा प्रशासन

इसके लिए शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग और श्रम विभाग के समन्वय से अभियान चलाया गया. शिक्षा विभाग ने पंचायत स्तर पर निर्माण श्रमिकों को चिन्हित किया और उनके बच्चों के स्कॉलरशिप फॉर्म भरवाए गए. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने पात्र श्रमिकों को 90 दिन का कार्य प्रमाण पत्र तैयार कर स्कूल को रिकॉर्ड मुहैया कराया. इसके बाद व श्रम विभाग द्वारा समीक्षा कर इस संबंध में मंजूरी दी गई. 

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मिशन मोड पर जारी किए गए श्रमिक कार्ड्स 

अभियान के तहत राज्य सरकार के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा संचालित 'निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना' में जिले के हर पात्र और वंचित निर्माण श्रमिक के बच्चों को योजना में जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा, पिछले साल निरस्त हुए श्रमिक कार्ड्स को मिशन मोड पर आवेदन लेकर पुनः जारी किया गया. ताकि पात्र श्रमिकों को इसका लाभ मिल सकें. 

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