राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, जिला अस्पताल के सामने चल रही 6 लैब सील

जांच के दौरान लैब का रजिस्ट्रेशन नहीं मिलना, रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल नहीं होना, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का सर्टिफिकेट न होना, निर्धारित योग्यताधारी मानव संसाधन का नहीं मिलना, बायोमेडिकल सर्टिफिकेट और समुचित निस्तारण की कमी मिली.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
अनियमितता मिलने पर 6 लैब बंद

Rajasthan News: राजस्थान के राजसमंद में चिकित्सा विभाग में बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है. विभाग के अधिकारियों ने आर. के जिला चिकित्सालय के पास चल रही लैब्स का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान नियम के खिलाफ चल रही लैब्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. चिकित्सा विभाग की कार्रवाई के दौरान 6 लैब्स को बंद करवा दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि आगे की कार्रवाई की जा रही है.

आम लोगों की मिल रही थी शिकायत

सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने बताया कि जिले में लैब संचालनकर्ताओं को समय-समय पर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में रजिस्ट्रेशन और मानकों के अनुसार संचालन के लिये सूचित किया गया. लैब संचालको के साथ बैठक करके भी एक्ट की जानकारी देकर निर्धारित मानकों को पूरा करने के लिए कहा गया. उसके बाद भी लगातार आम लोगों की शिकायत मिलती रहीं. इसके बाद लोगों की शिकायतों के आधार औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की गई है.

सीएमएचओ का कहना है कि जिले में जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सीएमएचओ डॉ हेमन्त बिन्दल के नेतृत्व में टीम ने पूरे दिन आर के जिला चिकित्सालय के नजदीक संचालित लैब्स की प्रावाधानों के अनुसार पूरे दिन गहन जांच की. वहां मिली कमियों को देखते हुए कार्रवाई करते हुए अगले आदेश तक लैब्स संचालन को बंद करवा दिया. इस कार्रवाई में सीएमएचओ के साथ डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ नरेन्द्र यादव, बीसीएमओ डॉ राजकुमार खोलिया, पीसीपीएनडी कॉर्डिनेटर रामस्वरूप सैन, क्लिनिक एस्टेबलिसमेंट प्रभारी कैलाश चन्द्र जाट शामिल रहे.

इन लैब के खिलाफ हुई कार्रवाई 

निरीक्षण के दौरान श्रीनाथ लेब दूकान नम्बर 4, एस.डी लेब दूकान नम्बर 14, शिवम लेब दूकान नम्बर 11, एस.डी लेब एण्ड सोनोग्राफी दूकान नम्बर 6 , शिवम लेब रिको एरिया दूकान नम्बर 11, हाउसिंग बोर्ड स्थित श्री जी बायोक्राइन लेबोरेट्री के संचालन में अनियमितता मिलने और आवश्यक दस्तावेजों की कमी पर कार्रवाई की गई है. जांच के दौरान रजिस्ट्रेशन नहीं मिलना, रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल नहीं होना, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का सर्टिफिकेट न होना, निर्धारित योग्यताधारी मानव संसाधन का नहीं मिलना, बायोमेडिकल सर्टिफिकेट और समुचित निस्तारण की कमी मिली.

Advertisement