Rajasthan Rajya Sabha Election 2024: राजस्थान में राज्यसभा सीट के लिए BJP से कौन-कौन दावेदार? इन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा

Rajasthan Politics: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद राजस्थान में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट को भरने के लिए उपचुनाव होने वाले हैं. 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है.

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Rajya Sabha By-election 2024: राज्यसभा की खाली हुई 12 सीटों को भरने के लिए जल्द ही 9 राज्यों में उपचुनाव होने वाले हैं. इनमें राजस्थान का नाम भी शामिल है. यहां उच्च सदन की एक सीट खाली है जो कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद वेकेंट हुई है. 

अभी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं

राजस्थान में 21 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. मौजूदा स्थिति के मुताबिक, इस बार भाजपा के उम्मीदवार का जीतना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में पार्टी एक सीट के जरिए कई समीकरण साधना चाहती है. इसीलिए अभी तक उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है.

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ईरानी और बिट्टू के नाम की चर्चा

राजस्थान में राज्यसभा की इस एक सीट के लिए कई दावेदार हैं. राजनीतिक हलकों में कई नाम घूम रहे हैं. पहले से कई नाम चर्चा में थे, लेकिन अब स्मृति ईरानी का नाम सबसे आगे चल रहा है. खबर है कि पार्टी उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेज सकती है. स्मृति ईरानी इस बार का लोकसभा चुनाव अमेठी से हार गई थीं. उनसे पहले जो नाम चर्चा में थे, उनमें पहला नाम रवनीत बिट्टू का है. उन्हें पार्टी ने लुधियाना से चुनाव हारने के बावजूद केंद्रीय मंत्री बनाया है. पंजाब राजस्थान से सटा हुआ है. गंगानगर जैसे इलाके में पंजाब की राजनीति का असर भी होता है.

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रवनीत बिट्टू को 6 महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है. इसलिए उनके नाम की चर्चा सबसे अधिक है. 

राजस्थान के ये नेता रेस में शामिल

ज्योति मिर्धा ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके बाद उनका नाम भी चर्चा में आ गया. वे पिछले दो चुनाव हार चुकी हैं. खींवसर उपचुनाव के लिए भी उनका नाम चर्चा में है. पार्टी उन्हें सदन भेज कर हरियाणा चुनाव में उनका इस्तेमाल कर सकती है. यही तर्क पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए भी दिया जाता है. हरियाणा के प्रभारी सतीश पूनिया भी राज्यसभा सीट के मजबूत दावेदार हैं. यह तीन नाम काफी मजबूत बताए जा रहे हैं. हालांकि दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी जैसे नाम भी रेस में शामिल हैं.

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सरकार-संगठन-समीकरण के खेल में फंसी उम्मीदवारी

भाजपा एक सीट के जरिए कई समीकरण साधना चाह रही. पिछली बार भाजपा ने राजस्थान से मूल ओबीसी और आदिवासी कार्ड खेला था और चुन्नीलाल गरासिया व मदन राठौड़ को राज्यसभा भेजा था. इस बार सरकार के लिए रवनीत बिट्टू जरूरी हैं. हरियाणा चुनाव और शेखावाटी के लिए सतीश पूनिया, ज्योति मिर्धा जैसे नामों पर विचार हो रहा है. संगठन में काम करने की वजह से अरुण चतुर्वेदी जैसे नाम भी शामिल हैं. इसी पेंच में उम्मीदवारी फंसी हुई है.

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