अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित होगा जयपुर में बना राम दरबार, 100 साल पुराने संगमरमर शिला से बनीं मूर्तियां

Ayodhya Ram Darbar: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार की विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. 11 विद्वान आचार्य, देशभर से आमंत्रित किए गए हैं. राम दरबार को जयपुर में पांडे परिवार ने बनाया है.

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अयोध्या के राम मंदिर स्थापित होगा जयपुर में बना राम दरबार

Ayodhya Mandir Ram Darbar: जयपुर में पांडे मूर्ति परिवार द्वारा बनाया भव्य राम दरबार अयोध्या के राम मंदिर में प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा. राम दरबार के लिए भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी की सफेद मकराना संगमरमर मूर्ति बनाई गई है. इन मूर्तियों के वस्त्र, आभूषण, केश और भाव-भंगिमा इतने जीवंत हैं कि श्रद्धालु इन्हें देखकर सहज ही भावविभोर हो उठते हैं. 

4 पीढ़ियों से मूर्ति बना रहा परिवार

मूर्तिकला के क्षेत्र में पांडे परिवार जयपुर में चार पीढ़ियों से काम कर रहा है. परिवार के संस्थापक रामेश्वरलाल पांडे को मिले राम दर्शन के स्वप्न के बाद यह परंपरा शुरू हुई थी, जो अब राम मंदिर तक पहुंच चुकी है. परिवार के सत्यनारायण पांडे प्रशांत पांडे और पुनीत पांडे ने मिलकर राम दरबार के साथ-साथ कुल 19 संगमरमर मूर्तियों को अयोध्या के लिए गढ़ा है. इन मूर्तियों में प्रवेश द्वार के हाथी-शेर, गणेशजी, सप्तऋषि मंडल, शबरी, निषादराज, और अहिल्या की प्रतिमाएं भी शामिल हैं.

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राम दरबार की यह शृंखला राजस्थान के मकराना से लाए गए उच्चतम गुणवत्ता वाले सफेद संगमरमर से तैयार की गई है. पत्थर का चुनाव मूर्ति की आत्मा तय करता है. 

पुनीत पांडे बताते हैं कि हमारी टीम ने महीनों तक चयन कर सबसे उपयुक्त शिला से ये मूर्तियाँ गढ़ी हैं. इन मूर्तियों के वस्त्र, आभूषण, केश और भाव-भंगिमा इतने जीवंत हैं कि श्रद्धालु इन्हें देखकर सहज ही भावविभोर हो उठते हैं. रामलला की मूल बालरूप प्रतिमा के चयन के लिए जब देशभर से तीन मूर्तियां चुनी गई थीं, उनमें एक प्रतिमा जयपुर के पांडे परिवार द्वारा निर्मित थी.

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3-5 जून तक अयोध्या में वैदिक अनुष्ठान

भले ही अंतिम चयन कर्नाटक के मूर्तिकार की बनी मूर्ति का हुआ, लेकिन पांडे परिवार की प्रतिमा को भी मंदिर परिसर में सहेजकर रखा गया है. 21 मई को सुरक्षा व्यवस्था के साथ राम दरबार और अन्य मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या के लिए रवाना किया गया था.  3 से 5 जून तक अयोध्या में तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान का आयोजन होगा.

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100 साल पुराने संगमरमर शिला को मिला स्थान

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार की विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. 11 विद्वान आचार्य, देशभर से आमंत्रित किए गए हैं. पुनीत पांडे के मुताबिक, लगभग 100 साल पुरानी संगमरमर की शिला को राम दरबार में स्थान मिला है. पुनीत पांडे इस्कॉन, स्वामीनारायण संप्रदाय और देश-विदेश के कई प्रमुख मंदिरों के लिए मूर्तियां बना चुके हैं.

राम मंदिर में केवल राम दरबार ही नहीं, बल्कि परिक्रमा मार्ग में सप्तऋषि मंडल, सबरी, ऋषि-मुनियों की 19 मूर्तियां भी तैयार की गई हैं. इससे पहले अयोध्या में रामलला के बाल रूप बनाने का सौभाग्य भी इस परिवार को मिल चुका है. जिन तीन मूर्तियों का चयन हुआ था, उसमें एक मूर्ति इसी पांडे परिवार की बनाई हुई थी. 

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