Ram Lala Pran Pratistha: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दिन यहां कर सकेंगे रामसेतु के तैरते पत्थरों का दर्शन

22 जनवरी को अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसी बीच नाहरगढ़ के खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों के दर्शन होंगे.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
पानी में तैरता रामसेतु का पत्थर

Ram Mandir Ayodhya News: अयोध्या सज रही है, नगर के गली-कूचे भी चमकाए जा रहे हैं. उत्सव का माहौल है, क्योंकि सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या में मंदिर में रामलला विराजेंगे. 22 जनवरी को अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसी बीच नाहरगढ़ के खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों के दर्शन होंगे. खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों को छूकर, उसका पूजन कर साक्षात भगवान श्रीराम की मौजूदगी का एहसास अनुभव होगा.

रामलला की स्थापना वाले दिन की जाएगी विशेष पूजा अर्चना

इस अवसर पर माणिक पत्थर के 13650 कैरेट के बेशकीमती राम दरबार को भी संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा. वहीं, रामसेतु के 7 अद्भुत तैरते पत्थरों को भी एक कुण्ड में स्थापित किया गया है, जो राम नाम के साथ सदैव तैरते रहते हैं. 

म्यूजियम के फाउंडर ने संजोई है पिता की लाई पत्थर

म्यूजियम के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि ये सारे पत्थर बहुत से लोगों के संकलन का हिस्सा है. जो बरसों से सहेज कर रखे गए थे. जिसमे सबसे पुराना लगभग 4 किलो का एक पत्थर मेरे स्वयं के पिताजी का 33 वर्ष पुराना संग्रह है. जो वह अपनी माताजी के साथ जब रामेश्वरम यात्रा पर गए थे तब धनुषकोड़ी से एक पंडित से भेंट के रूप में लेकर आए थे. आज उनके पिता और दादी दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं.

पानी में नहीं डूबता है पत्थर

पत्थरों की शक्ति की बात करें तो अनूप बताते हैं कि कभी-कभी इनमे से जब कोई पत्थर डूब जाता है, तब उसे कुंड से निकाल कर पुनः पूरे श्रद्धा भाव से राम नाम की स्तुति के साथ जैसे ही कुण्ड में डालते हैं. पत्थर पुनः तैरने लगता है, मेरा भक्ति भाव और भी मजबूत और राममय हो जाता है.

Advertisement

जब मैं कल्पना करता हूं कि शायद इन्हीं में से कोई एक वो पत्थर है जिस पर भगवान श्रीराम के पांव पड़े हो और हमारे श्रेष्ठ भाग्य की वज़ह से वह हमारे पास आ गया. खजाना महल संभवत देश का पहला ऐसा म्यूजियम है, जहां पर एक साथ 7 रामसेतु पत्थर के दर्शन करने का अनुभव लोगों को होता है.

22 जनवरी को की जाएगी पूजा अर्चना

22 जनवरी को रामलला की अयोध्या में स्थापना वाले दिन सभी 7 पत्थरों की उपस्थित पर्यटकों तथा पंडितों द्वारा विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाएगी. रामसेतु पत्थर ही नहीं खजाना महल में लगभग 68 वर्ष पूर्व गड़ी गई बेशकीमती माणिक (Ruby) पत्थर से बनी 13650 कैरेट वज़नी राम दरबार की मूर्ति भी उस दिन से विशेष तौर पर पर्यटकों के अवलोकन के लिए रखी जाएगी.

Advertisement

यह भी एक अद्भुत संयोग है कि खजाना महल की जहां स्थापना हुई है. उस पवित्र भूमि पर और उसके आस-पास की जगह पर ही कलयुग का प्रथम जोकि राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने सन 1734 में करवाया था. तथा पृथ्वी पर दूसरा अश्वमेध यज्ञ हुआ है, जिसकी वेदी, कुण्ड अभी भी साक्षात उस युग, उस महा पूजन की कहानी बयान कर रहे हैं. 

खजाना महल में पत्थरों को छूकर कर सकेंगे अनुभव

अश्वमेध यज्ञ भगवान श्रीराम ने भी आयोजन किया था. खजाना महल में इन रामसेतु पत्थर के अलावा पर्यटकों को दुनिया के लगभग हर तरह के बेशकीमती पत्थर, हीरे, जवाहरात, आभूषण देखने को मिलते हैं.

Advertisement

खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों को छूकर, उसका पूजन कर साक्षात भगवान श्रीराम की मौजूदगी का एहसास अनुभव करने का अवसर मिलेगा. 22 जनवरी को रामलल्ला की स्थापना वाले दिन विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. इस अवसर पर माणिक पत्थर के 13650 कैरेट के बेशकीमती राम दरबार को भी संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा. 

यह भी पढ़ें- Ram Mandir Pran Pratishtha मोबाइल पर कैसे कर सकेंगे लाइव स्ट्रीम, जानें कब, कहां और कैसे देख सकेंगे सीधा प्रसारण

Topics mentioned in this article