Ranthambore Tiger Attack: बाघ हमले में बच्चे की मौत पर वन विभाग का बड़ा फैसला, त्रिनेत्र गणेश मंदिर बंद करने का आदेश

बच्चा अपने चाचा और दादी के साथ रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने के लिए आया था. दर्शन करने के बाद उसने बड़े ही चाव से रणथंभौर दुर्ग में अपनी फोटो खिंचवाई थी. इसके बाद मंदिर से लौटते समय बाघ ने उसे अपना शिकार बना लिया.

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त्रिनेत्र गणेश मंदिर बंद करने का आदेश

Ranthamore Tiger Attack: सवाई माधोपुर में रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से एक रूप कंपा देने वाली घटना सामने आई है. गणेशजी के दर्शन कर लौट रहे एक बच्चे को बाघ ने अपना शिकार बनाया. मंदिर में बाघ हमले की घटना से वन विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. रणथंभौर के त्रिनेत्र मंदिर में बाघ द्वारा 7 वर्षीय बच्चे को शिकार बनाए जाने के बाद वन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. वन विभाग ने त्रिनेत्र मंदिर को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया है. 

वन विभाग ने जारी किया आदेश

बाघ हमले में बच्चे की मौत के बाद रणथंभौर बाघ परियोजना, सवाई माधोपुर के मुख्य वन संरक्षक अनूप के आर ने त्रिनेत्र मंदिर को 5 दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, आज त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले पैदल रास्ते पर एक दर्शानार्थी की बाघ के हमले में मौत हो गई, जोकि बेहद ही दुखद है.

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श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

वन विभाग के आदेश में कहा गया कि मंदिर जाने वाले पैदल रास्ते पर बाघ के मूवमेंट होने के कारण त्रिनेत्र मंदिर तत्काल प्रभाव से अगले 5 दिनों तक बंद रहेगा. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी. इससे पहले घटना के तुरंत बाद त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले मुख्य मार्ग को वन विभाग ने बंद कर दिया था.

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दादी के साथ आए बच्चे को बनाया शिकार

बता दें कि बाघ के हमले में मारा गया बच्चा 7 वर्षीय बच्चा कार्तिक सुमन बूंदी के गोहटा का निवासी था. वह बुधवार को अपने चाचा और दादी के साथ रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने के लिए आया था. दर्शन करने के बाद उसने बड़े ही चाव से रणथंभौर दुर्ग में अपनी फोटो खिंचवाई थी. गणेशजी के दर्शन करने बाद वह पैदल अपनी दादी और चाचा के साथ लौट रहा था.

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वह अपनी दादी के आगे-आगे चल रहा था कि इसी बीच जंगल से निकलकर आए बाघ ने बच्चे को अपना शिकार बना लिया. कुछ देर बच्चे का शव जंगल से बरामद हुआ. बताया जा रहा है कि इस इलाके में टाईगर टी 120 व बाघिन सुल्ताना व बाघिन टी 84 एरोहेड व उसके शावकों का मूवमेंट बना रहता है.

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