Ranthambore National Park News: प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व के मध्य रणथंभौर दुर्ग में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक जाने वाले मार्ग को वन विभाग ने एक बार फिर बंद कर दिया है. इसके साथ ही इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.
वन विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बंद करने के पीछे कारण बताया है कि रणथंभौर दुर्ग में मंदिर के आसपास दो से तीन बाघों का मूवमेंट रहता है. जिसमें हाल ही में रणथम्भौर किला क्षेत्र में बाघिन रिद्धि और उसके शावक के मूवमेंट देखा गया है. ऐसे में मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर मंदिर मार्ग को बंद किया गया है.
सुरक्षा कारणों से त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग फिर बंद
त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग अचानक बंद होने के कारण आज यानि सोमवार को गणेश दर्शन के लिए दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं को वन विभाग द्वारा रणथंभौर टाइगर रिजर्व के मुख्य प्रवेश द्वार से वापस भेजा जा रहा है. वन विभाग के जरिए त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बंद किए जाने को लेकर मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं का कहना है कि वन विभाग जब चाहे बाघ की आवाजाही का बहाना बनाकर मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर देता है, जिसके कारण दूर-दूर से गणेश दर्शन के लिए आने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि वन विभाग को कोई ठोस कदम उठाकर इसका समाधान निकालना चाहिए. त्रिनेत्र गणेश मार्ग और रणथंभौर किले के आसपास घूम रहे बाघों को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाना चाहिए ताकि मंदिर मार्ग को बार-बार बंद न करना पड़े.
त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग दो महीने में तीसरी बार श्रद्धालुओं के लिए बंद
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग और जोगी महल के पास बाघ के हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से एक सात साल का बच्चा था. उनकी मौत के बाद वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को नौ दिन के लिए बंद कर दिया था. उसके बाद जोगी महल के पास बाघ के हमले में रेंजर देवेंद्र चौधरी की मौत के बाद वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मार्ग को पांच दिन के लिए बंद कर दिया था. दो महीने में यह तीसरी बार है जब वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए बंद किया है.
15 से अधिक बाघ, बाघिन और उनके शावकों की आवाजाही
त्रिनेत्र गणेश मार्ग और रणथंभौर दुर्ग के आसपास 15 से ज्यादा बाघ, बाघिन और उनके शावकों का लगातार मूवमेंट रहता है. रणथंभौर दुर्ग में दो से तीन बाघ, बाघिन और शावकों ने डेरा डाल रखा है. ऐसे में त्रिनेत्र गणेश दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की जान खतरे में बनी हुई है.फिलहाल रणथंभौर दुर्ग में बाघिन एरोहेड और उसके दो शावकों का मूवमेंट है, जिसके चलते वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को आगामी आदेश तक बंद कर दिया है.जिसके बाद श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
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