Ration Vendors Strike: राशन डीलर्स का राजस्थान सरकार को अल्टीमेटम, बोले- '4 मांगें पूरी करो वरना 1 अगस्त से हड़ताल'

राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष ढाका ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आगामी 1 अगस्त से पूरे राजस्थान की राशन की दुकाने पूर्ण तरह से बंद रहेगी और किसी भी कीमत पर दुकानें नहीं खुलेगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति (RSRVSC) की ओर से मंगलवार को सीकर (Sikar) जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी उपखंड कार्यालय पर राशन विक्रेताओं ने मासिक मानदेय 30 हजार रुपए करने व गत महीनों का कमीशन दिए जाने सहित अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रट व उपखंड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन

राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष माणक चंद ढाका ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में भी मुख्यमंत्री के नाम राशन विक्रेताओं की ओर से अपनी मांग का मांग पत्र भेजा गया था. लेकिन ना तो राजस्थान सरकार ने और ना ही खाद्य विभाग के अधिकारियों ने हमारी मांगों पर संज्ञान लिया. इसी कारण से विवश होकर एक बार फिर मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र कलेक्टर को दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमारा मुख्य मुद्दा मानदेय का है, जिसमें राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाए. दूसरी मांग राशन में प्रति क्विंटल दो प्रतिशत छीजत देने की है. इसके अलावा पिछले 6 महीना से राशन विक्रेताओं को कमीशन नहीं मिल रहा है, जबकि सरकार की ओर से प्रावधान है कि राशन डीलरों को एडवांस में कमीशन दिया जाए. इसलिए यह तर्कसंगत नहीं है. इसके अलावा और भी कई मांगे हैं जिसका ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा गया है.' 

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1 अगस्त तक का दिया है समय

राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष ढाका ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आगामी 1 अगस्त से पूरे राजस्थान की राशन की दुकाने पूर्ण तरह से बंद रहेगी और किसी भी कीमत पर दुकानें नहीं खुलेगी. उन्होंने कहा, 'राशन विक्रेताओं की दुकान तभी खुलेगी जब सरकार हमारी 100% मांगे मानेगी. इसलिए किसी भी दबाव में आकर हम राशन विक्रेता काम नहीं करेंगे.' संघर्ष समिति के ज्ञापन में बताया गया कि राशन विक्रेताओं की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. स्कूलों में प्रवेश प्रारंभ हो गए हैं। अपने बच्चों की फीस, किताबें, ड्रेस आदि तक राशन विक्रेता अपने बच्चों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनके बच्चे शिक्षा प्राप्त करने से भी वंचित हो रहे हैं और परिवार का पालन पोषण करने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द राशन विजेताओं की मांग माने.

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यह है मुख्य मांगे 

1. राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपए निश्चित किया जाए.
2. गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जाए क्योंकि जो गेहूं राशन की दुकानों पर आता है, उसमें एफसीआई से काफी कम तौल बैठता है.
3. गति 5- 6 माह से राशन विक्रेता का केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा दिया गया कमीशन नहीं मिला. इस कारण राशन विक्रेताओ के परिवार भूखे मरने की स्थिति में आ गया है.
4. आधार सीडिंग की राशि प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए गए गेहूं का कमीशन व ईकेवाईसी का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए. जबकि ईमित्र वाले आधार कार्ड अपडेट के 150 रुपए चार्ज कर रहे हैं और राशन विक्रेता को ईकेवाईसी सीडिंग के लिए सरकार द्वारा कुछ भी चार्ज नहीं दिया गया, जो मानवीय मूल्यों के विरुद्ध है.

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