Ravindra Bhati: भाजपा में शामिल होंगे रविंद्र भाटी? भाजपा नेता देवी सिंह से मुलाकात पर भाटी ने तोड़ी चुप्पी

Ravindra Bhati: रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा नेता देवी सिंह भाटी से मुलाकात की. इस पर रविंद्र भाटी का भाजपा में फिर से जाने की चर्चा तेज हो गई. रविंद्र सिंह भाटी ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी.

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रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा नेता देवी सिंह भाटी से मुलाकात की.

Ravindra Bhati: बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी से मुलाकात पर रविंद्र भाटी ने कहा कि देवी सिंह भाटी मेरे परिवार के सदस्य हैं. उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से मैंने उनसे मुलाकात की. इसमें कोई राजनीति नहीं है. रविंद्र सिंह भाटी ने जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में शोकसभा में शामिल हुए. जोधपुर शहर के विभिन्न निजी चिकित्सालय और एम्स में भर्ती लोकसभा क्षेत्र के लोगों से मिलकर हाल-चाल जाना. 

रविंद्र भाटी बोले-राजनीति में परिवार को समय कम दे पाते हैं

मीडिया से बातचीत करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने कहा,  "4 जून को चुनाव जीतने के बाद मेरी लोकसभा क्षेत्र की जनता तय करेगी. मुझे किसी पार्टी को समर्थन देना है या नहीं. रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि मैं आज जिस जगह खड़ा हूं, इसमें जोधपुर की जनता का सहयोग है. मेरे इलाके के बीमार लोगों से मिलना और उनकी सेवा करना मेरा धर्म है. विश्वविद्यालय के छात्रों से मेरा जुड़ाव रहता है. राजनीति की वजह से परिवार को समय कम दे पाते हैं. परिवार का सहयोग हमेशा मेरे साथ रहता है." 

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रविंद्र भाटी ने जीत का किया दावा

रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर 100% आश्वस्त हूं. बाड़मेर-जैसलमेर और बालोतरा की जनता ने अपने बेटे पर विश्वास जताया है. भाजपा के 400 पार पर कहा है कि वो अपना नारा दें पर बाड़मेर जैसलमेर से एक निर्दलीय बेटा जीतेगा. रविंद्र सिंह भाटी और देवी सिंह भाटी की मुलाकात का वीडियो वायरल हो रहा है. रविंद्र सिंह भाटी ने केवल देवी सिंह भाटी ही नहीं, बल्कि बीजेपी के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष हाथी सिंह मूलाना सहित अन्य बीजेपी नेताओं से मुलाकात की है.   

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कौन हैं देवी सिंह भाटी 

देवी सिंह भाटी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. वह बीकानेर की कोलायत विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं. वह भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वह 1980 से 2008 तक लगातार 7 बार विधायक रहे. वह 1980 से 1990 तक जनता पार्टी से विधायक बने. 1993 और 1998 में बीजेपी से विधायक थे. इसके बाद 2003 में वह राजस्थान सामाजिक न्याय मंच की टिकट पर विधायक बने. साल 2008 में वह एक बार फिर बीजेपी से जीत दर्ज की थी. हालांकि साल 2013 में कांग्रेस के भवर सिंह भाटी से हार का सामना करना पड़ा.  

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