Rajasthan: बीकानेर के सरकारी B.Ed कॉलेज की मान्यता समाप्त, इस साल नहीं होंगे बीएड कोर्स में एडमिशन

Rajasthan PTET 2025: जब इस मसले पर एक्सपर्ट से बात की गई तो सामने आया कि शिक्षा विभाग ने नया स्टाफ तो दोनों कॉलेजों में लगाया. लेकिन यह स्कूल शिक्षा विभाग का स्टाफ अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है.

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NCTE ने समाप्त की बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता.
NDTV Reporter

Rajasthan News: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज (Government B.Ed Colleges in Bikaner) की मान्यता समाप्त कर दी है. M.Ed पाठ्यक्रम के साथ-साथ ही अब इस साल बीएड कोर्स में भी दाखिले नहीं होंगे. एनसीटीई की अपील समिति ने शिक्षा विभाग की अपील को खारिज करते हुए वेस्टर्न रीजनल कमेटी (DRC) के मान्यता वापसी के फैसले को उचित ठहराया है. सरकारी बीएड कॉलेज में दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को 150 150 सीटें स्वीकृत हैं, जबकि एमएड पाठ्यक्रम में 50-50 सीटें निर्धारित हैं.

आदेश में क्या लिखा है?

दोनों अपील आदेशों में अपीलों को खारिज करने का जो बेस बताया गया है, उसके तहत बीएड और एमएड दोनों ही पाठयक्रमों के लिए जो टीचर्स हैं, वे स्कूल के शिक्षक हैं, जिन्हें सीमित अवधि के लिए स्कूलों से इस कॉलेज में लगाया गया था. अपील समिति ने अपने आदेश लिखा है कि संस्थान 1998 से बीएड और 2000 से एमएंड पाठयक्रम संचालित कर रहा है, लेकिन इन पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों का ना तो चयन किया गया और ना ही नियुक्ति की गई. एक नियामक संस्थान द्वारा की गई यह टिप्पणी राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली पर भी गम्भीर चोट है. 

कॉलेज की अपील पर फैसला बाकी

दरअसल, 24 अप्रैल 2012 से बीएड और एमएड पाठ्यक्रम को उच्च शिक्षा के अधीन कर दिया गया था. राजस्थान टीटी कॉलेज बीकानेर और अजमेर के सरकारी बीएड कॉलेज में अभी भी उच्च माध्यमिक स्कूलों का स्टाफ लगा हुआ है. हालांकि अजमेर के सरकारी बीएड कॉलेज की अपील पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है. 

M.Ed पाठ्यक्रम की मान्यता पिछले साल ही खत्म कर दी गई थी. इस कारण पिछले साल में एमएड के एडमिशन नहीं हुए.

अस्थाई स्टाफ होने की वजह से मान्यता रद्द

मान्यता वापसी के लिए शिक्षा विभाग ने 10 मार्च को बीएड और एमएड पाठ्यक्रम के लिए दोनों सरकारी कॉलेजों में 68 शिक्षकों का अलग-अलग स्टाफ लगाया था. लेकिन यह स्टाफ केवल अस्थाई रूप से एक साल के लिए होने के कारण एनसीटीई ने शिक्षा विभाग की अपील को खारिज करते हुए मान्यता रद्द की है.

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PTET की काउंसलिंग से बाहर हुआ कॉलेज

खास बात ये है कि नोडल एजेंसी वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा की और से इस साल पीटीईटी की परीक्षा 15 जून को करवाई जाएंगे. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. दो वर्षीय बीएड़ पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य के लगभग दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता खत्म हो जाने के कारण अब यह कॉलेज पीटीईटी की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पाएगा.

प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेना अब मजबूरी

बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त होने से अब पीटीईटी के टॉपर स्टूडेंट्स को भी निजी कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. राज्य के 941 बीएड कॉलेजों में सरकारी कॉलेज सिर्फ दो ही है. बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा के साथ साथ यहां प्रवेशित सामान्य महिलाओं को शिक्षण शुल्क रिफंड किया जाता है, जो राशि 17880 रुपए निर्धारित है.

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'स्टाफ अनिवार्य शतों यहां अधूरी हैं'

जब इस मसले पर एक्सपर्ट से बात की गई तो सामने आया कि शिक्षा विभाग ने नया स्टाफ तो दोनों कॉलेजों में लगाया. लेकिन यह स्कूल शिक्षा विभाग का स्टाफ अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है. एक्सपर्ट ने बताया कि एनसीटीई के मापदंड के अनुसार शिक्षकों के पद प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के होने चाहिए. उनका चयन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और संबद्धता प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार गठित चयन समिति के द्वारा होना चाहिए. इस अनिवार्य शर्त को यहाँ पूरा नहीं किया जा रहा था. यही वजह है कि वर्ष 2023 से ही दोनों बीएड कॉलेजों के पास एनसीईटी की मान्यता नहीं है. पिछले साल भी कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद कैंडिडेट्स को एडमिशन मिला था.

'NCTE के आदेश पर होगा अमल'

वहीं एमजीएम यूनिवर्सिटी के एडिशनल रजिस्ट्रार डॉ. बिट्ठल बिस्सा का कहना है कि बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज के संबंध में एनसीटीई और राज्य सरकार की ओर से जो दिशा निर्देश मिलेंगे, उसी के मुताबिक विश्वविद्यालय की ओर से आगामी निर्णय लिया जाएगा.

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