Vice President: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे न सिर्फ संवैधानिक व्यवस्था के लिए गंभीर, बल्कि राजस्थान के लिए बहुत ही चौंकाने वाला बताया है. गहलोत ने कहा, "मैंने कुछ दिन पहले जोधपुर में कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों ही दबाव में काम कर रहे हैं. आज ये बात सामने आ गई है."
गहलोत बोले- कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की ओर से सत्ता के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है, जिसका परिणाम यह इस्तीफा है. गहलोत ने उपराष्ट्रपति के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उन पर कोई दबाव नहीं है. लेकिन अब जो स्थिति सामने आई है, वह स्पष्ट करती है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है.
इस्तीफा स्वीकार नहीं करने की पीएम मोदी से की अपील
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस इस्तीफे को स्वीकार न करें और ऐसी कोई संवैधानिक व्यवस्था करें जिससे उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल को पूरा कर सकें. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.
"फेयरवेल नहीं देना परंपरा और गरिमा के खिलाफ"
गहलोत ने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि धनखड़ को उचित फेयरवेल नहीं दिया जाएगा जो कि परंपरा और गरिमा के खिलाफ है. उन्होंने पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो यह कदम उठाना पड़ा, इसके पीछे की असली कहानी आज नहीं तो कल सामने जरूर आएगी.
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