Rising Rajasthan : राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट हो रहा है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 दिसंबर को किया. तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देश-विदेश के राजनयिक, उद्योगपति और निवेशक हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें पहले दिन कई परियोजनाओं को मंजूरी मिली. इस सिलसिले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर बात की.
2000 मेगावाट के सौर पार्क को मिली मंजूरी
इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राजस्थान में दो हजार मेगावाट के सौर पार्क को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में केंद्रीय सहभागिता के साथ राजस्थान सोलर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के लिए दो हजार मेगावाट क्षमता का नया सौर पार्क स्थापित करने की मंजूरी दे दी गई है. इस सौर पार्क में केंद्र की 30 प्रतिशत भागीदारी रहेगी.
उन्होंने आगे कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा के सतत प्रयासों से यह परियोजना राजस्थान की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.
राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं
जोशी ने कहा कि राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है. आज पूरा विश्व भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है.
2032 तक देश की ऊर्जा मांग होगी दोगुनी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2032 तक देश की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है. साल 2030 तक गैर जीवाश्म आधारित स्रोतों से 500 गीगावाट ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य की प्राप्ति में राजस्थान बड़ी भूमिका निभाएगा.
राज्य में बढ़ेगा ऊर्जा उत्पादन
सत्र में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि राजस्थान न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने बल्कि सरपल्स वाला राज्य भी बने. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में केंद्रीय उपक्रमों के साथ लगभग चार लाख करोड़ रुपये के करार (एमओयू) किए गए हैं. इनमें से लगभग एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के क्रियान्वयन के लिए संयुक्त उद्यम की स्थापना को मंत्रिमंडल से स्वीकृति भी दी जा चुकी है. हमारा प्रयास अगले चार साल में राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 30 से बढ़ाकर 125 गीगावाट करने का है.