Rajasthan: रियांबड़ी में बजरी माफिया और ग्रामीणों के बीच फिर हुआ समझौता, करणी माता मंदिर सहित इस जगह की लीज होगी बंद

Rajasthan: सोमवार शाम को बजरी खनन के विरोध में ग्रामीणों द्वारा डंपरों का रास्ता रोकने के दौरान खूनी संघर्ष हुआ. जिसके कारण मामला काफी गरमा गया था.

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प्रतीकात्म तस्वीर

Nagaur News: नागौर जिले में अवैध बजरी खनन पट्टों को लेकर ग्रामीणों और बजरी माफियाओं के बीच चल रहा विवाद आखिरकार आज (मंगलवार) एक समझौते पर पहुंच गया है. यह समझौता सोमवार शाम को हुए हिंसक झड़प के बाद हुआ, जिसमें बजरी पट्टाधारकों ने ग्रामीणों पर कैंपर चढ़ा दी और लाठी-डंडों से मारपीट भी की, जिससे 12 लोग घायल हो गए थे.

हिंसक झड़प और ग्रामीणों का प्रदर्शन

सोमवार शाम को बजरी खनन के विरोध में ग्रामीणों द्वारा डंपरों का रास्ता रोकने के दौरान यह खूनी संघर्ष हुआ. घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण रियांबड़ी अस्पताल पहुंचे और लीज रुकवाने तथा हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया,

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देर रात हुई वार्ता और बनी सहमति

रात करीब 12 बजे अस्पताल परिसर के बाहर खींवसर के पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल, पूर्व विधायक इंदिरा देवी बावरी, एसडीएम सुरेश केएन और पुलिस अधिकारियों के बीच लंबी वार्ता हुई. इस वार्ता में ग्रामीणों और प्रशासन के बीच सहमती बनी. जिसके तहत करणी माता मंदिर के पास और सुरियास में बजरी लीज बंद करने तथा बजरी माफियाओं के खिलाफ मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया. 

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21 जुलाई तक बजरी परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध

वही मामले को लेकर रियाबड़ी के एसडीएम सुरेश कुमार ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि दो दिन पहले हुए समझौते के अनुसार, हमलावरों को गिरफ्तार करने तथा अवैध बजरी खनन करने वाले लोगों से संबंधित धर्म कांटा संचालकों को 177 के नोटिस जारी किए गए थे.  इन पर कार्रवाई करते हुए आज उन्हें सील कर दिया जाएगा और अग्रिम आदेशों तक वे सील ही रहेंगे. इसके साथ ही, 21 जुलाई तक क्षेत्र में किसी भी प्रकार के बजरी परिवहन और खनन पर पूर्ण रोक लगाने पर भी देर रात सहमति बनी.

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पहले का समझौता टूटा, ग्रामीणों में आक्रोश

गौरतलब है कि इसी मुद्दे पर पांच दिन पहले नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों की मांगों पर एक समझौता हुआ था, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया था. हालांकि, ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि समझौते के अनुसार काम नहीं किया गया और अवैध बजरी खनन जारी रहा, जिसके कारण उन्हें फिर से बजरी माफियाओं के डंपरों का रास्ता रोकना पड़ा और सोमवार को यह हिंसक झड़प हुई.

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