जयंत चौधरी दे रहे राजस्थान में तीसरे मोर्चे का संकेत, निकाय चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के लिए कितनी चुनौती

राष्ट्रीय लोक दल पंचायत और नगर निगम चुनाव में अपनी ताक़त लगा देती है और कुछ सीटों पर जीत दर्ज करती है तो तीसरे मोर्चे की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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जयंत चौधरी जयपुर

Jayant Chaudhary in Jaipur: केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी अब राजस्थान में राजनीतिक ज़मीन तलाशने में लगे हुए हैं, इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है. इसको लेकर जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में जयंत चौधरी ने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक संभावनाएं हैं. फिलहाल राष्ट्रीय लोक दल भाजपा के साथ राजनीतिक गठजोड़ में है. आने वाले पंचायत चुनाव में जयंत चौधरी अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को लेकर यहां पर पृष्ठभूमि तलाश रहे हैं.

जयंत चौधरी, चौधरी चरण सिंह के पोते हैं और चौधरी अजीत सिंह के बेटे हैं और एक समुदाय विशेष में उनका आकर्षण ज़रूर रहेगा.

चौधरी ने कहा कि यहां संगठन को मजबूत कर तीसरा विकल्प देने की कोशिश होगी. हमारे जो कार्यकर्ता पंचायत और नगर निकायों के चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें समर्थन दिया जाएगा और संगठन को मजबूत किया जाएगा.

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साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी उम्मीदवार लोकल बॉडी पोल्स लड़ने को इछुक है तो पार्टी पूरी तरह से उसे सपोर्ट करेगी यानी कि अगर राष्ट्रीय लोक दल राजस्थान में एंट्री मारती है तो जाट वोट बैंक पर उनकी नज़र रहेगी.

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पारंपरिक वोट बैंक पर सेंध लगा सकती हैं ये पार्टियां!

राजस्थान में कई पार्टियों ने तीसरा मोर्चा खड़े करने की कोशिश की है, ख़ासकर बसपा ने जिसने पूर्वी राजस्थान में कुछ सीटें जीती थीं. लेकिन फिलहाल यहां पर ज़्यादातर two पार्टी सिस्टम ही रही है. लेकिन अगर राष्ट्रीय लोक दल पंचायत और नगर निगम चुनाव में अपनी ताक़त लगा देती है और कुछ सीटें वो जीत लेती है तो तीसरे मोर्चे की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में राजस्थान की राजनीतिक पृष्ठभूमि में एक नया किरदार सामने आ सकता है.

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राष्ट्रीय लोक दल में जोगिंदर अवना भी शामिल हो गए हैं, पहले वो बसपा से उम्मीदवार थे और विधायक भी बने उसके बाद कांग्रेस में उन्होंने गहलोत सरकार का समर्थन किया. अब उन्होंने जयंत चौधरी के साथ हाथ मिला लिया है. ऐसे में पूर्वी राजस्थान में दोनों पार्टियों के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध ज़रूर लगा सकते हैं.

जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा मार्गों पर खाने-पीने के दुकानदारों को कुछ संगठनों द्वारा परेशान किए जाने को फिर से गलत बताया.