राजस्थान में इस जगह देखा गया 'किसानों का दोस्त' कहे जाने वाला रॉयल स्नेक, आप भी देखें तस्वीर

थार मरुस्थल में बढ़ती खेती की गतिविधियों के कारण खेतों में विभिन्न प्रकार के केमिकल और चूहों को मारने की दवा के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट हुई है. इस कारण यह सांप कुछ सुरक्षित स्थानों पर ही देखने को मिलते हैं. देगराय ओरण में दुर्लभ सांप के नजर आने से पर्यावरण प्रेमी उत्साहित नजर आए है.

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Rajasthan News: राजस्थान के जैसलेर जिले के श्री देगराय मंदिर ओरण (Shri Degray Oran Temple) में रेड स्पॉटेड रॉयल स्नेक (Royal Snack) दिखाई दिया. सर्प की इस प्रजाति को 'किसान मित्र' कहा जाता है. हालांकि किसानों द्वारा खेतों में फसलों की कीट से सुरक्षा के लिए डाले जा रहे जहर के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है.

देगराय मन्दिर ओरण में शुक्रवार को पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह भाटी सांवता और राधे श्याम पेमानी को वन्यजीवों की निगरानी के दौरान रेड स्पॉटेड रॉयल स्नेक (बहुत कम दिखने वाला) देखने को मिला, जिसकी तस्वीरें दोनों पर्यावरण प्रेमियों से साझा की हैं.

किसानों का दोस्त कहा जाने वाला यह रेड स्पॉटेड रॉयल स्नेक रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम स्पैलेरोसोफिस एरेनारियस है. यह बहुत कम नजर आता है और चूहों को खाकर अपना जीवन यापन करता है. सबसे रोचक बाती यह है कि यह जहरीला नहीं होता.

पर्यावरण संरक्षक पार्थ जगाणी ने बताया कि यह सुनहरे रंग पर लाल धब्बों युक्त वाला सांप थार मरुस्थल का स्थानिक प्रजाति है. यह सांप अन्य सांपों से बहुत कम विषैला और शांत स्वभाव का होता है. इसके भोजन का बड़ा हिस्सा चूहे होते हैं, जिस कारण इस सांप को किसानों का मित्र भी कहा जाता है. परन्तु लोगों की अज्ञानता के कारण इसे भी अन्य सांपों की तरह  देखते ही मार दिया जाता है.

किसानों द्वारा खेतों में केमिकल युक्त जहर का इस्तेमाल करने से सांप जब चूहों को खाता है. तब ये केमिकल उसके शरीर में चला जाता है, जिससे इसकी मौत हो जाती है. ऐसे में इन सांपों की संख्या लगातार कम हो रही है. यह मुख्य रूप से राजस्थान और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पाया जाता है.

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