Jaipur: 'रोजी-रोटी और अधिकार अभियान' का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में, अरुणा रॉय समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता लेंगे हिस्सा

Jaipur News: जयपुर में होने वाले 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, भूख और पोषण की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

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सम्मेलन की जानकारी देते संयोजक और अन्य सदस्य

'Rozi-Roti Adhikar Abhiyan' in Jaipur: 'रोजी-रोटी और अधिकार अभियान' का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन 24 से 26 मई को जयपुर में आयोजित होगा. तीन दिवसीय सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, भूख और पोषण की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसमें सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय समेत देश के 16 राज्यों के 500 से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे. सम्मेलन में अगले दो वर्षों के लिए आंदोलन की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन की संयोजक कविता श्रीवास्तव ने बताया, "डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के परिसर में सम्मेलन होगा. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति, उच्च बेरोजगारी और अनिश्चित आजीविका समेत कई मुद्दों पर सामूहिक कार्रवाई के कम होते अवसर पर चर्चा होगी."

लोकतंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी होगा मंथन

उन्होंने बताया कि साथ ही आर्थिक और राजनीतिक रूप से लोकतंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी मंथन होगा." सम्मेलन का जानकारी देने के दौरान आयशा खान, सह संयोजक नेसार अहमद, सामाजिक कार्यकर्ता सुमिता चौपड़ा और सम्मलेन सचिवालय समन्वयक विनीत अग्रवाल भी मौजूद रहे. 

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ये सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दल के प्रतिनिधि होंगे हिस्सा

इस सम्मेलन में ओडिशा के एंटी माइनिंग आंदोलन के नेता लिंगराज आजाद, संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के प्रतिनिधि हरिंदर बिंदु, महाराष्ट्र के जनआन्दोलन के नेतृत्व उल्का महाजन, NCPRI की संयोजक अंजलि भारद्वाज सहित अनेक जन आंदोलनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. आईआईटी दिल्ली के प्रो. रीतिका खेड़ा, स्कॉलर नवशरण सिंह, ज्यॉ द्रेज़ जैसे शोधकर्ता और बुद्धिजीवी भी शामिल होंगे. सैयदा हमीद, निखिल डे, हर्ष मंदर, शोधकर्ता दीपा सिन्हा, साहू पटोले (खाद्य संस्कृति लेखक) समेत विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी संवाद करेंगे.  

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कार्यशालाओं में पारित होंगे कई प्रस्ताव 

आयशा खान ने बताया कि सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाली समानांतर कार्यशालाओं में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और उन पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. साथ ही भविष्य की गतिविधियों की योजना भी बनाई जाएगी. भोजन के अधिकार से संबंधित कल्याणकारी योजनाएं, नए श्रम संहिताओं का प्रभाव, मनरेगा के कमजोर होने का संकट आदि पर भी चर्चा की जाएगी. सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा चौपड़ा ने बताया कि सम्मेलन में वंचितों को लाभ दिए जाने की प्रक्रिया में तकनीकी के उत्यधिक उपयोग के कारण आ रही दिक्कतों, प्रोजेक्ट वर्कर्स की समस्याओं आदि पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी.  

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