Rajasthan Paper Leak: पत्नी ने मारा ताना तो पेपर लीक कर बना पीटीआई, राजस्थान में कई भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े का इनामी गिरफ्तार

आरोपी दीपक पहले मेवात गैंग के साथ मिलकर भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने और फर्जी डिग्रियां बांटने का काम एजेंट के तौर पर शुरू किया था. बाद में वह खुद यह काम करने लगा.

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पत्नी ने मारा ताना तो पेपर लीक कर बना पीटीआई

Rajasthan News: जोधपुर संभाग की साइक्लोनर टीम ने भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा और पेपर लीक करने वाले 25 हजार के इनामी को गिरफ्तार किया है. आरोपी एसओजी के एईएन और वनरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में वांटेड चल रहा. आरोपी से पूछताछ में कई चौकानें वाले खुलासे भी हो सकते हैं. वहीं, बैंकों में लेनदेन के चलते मौसेरा भाई भी गिरफ्तार हुआ है. आरोपी दो भर्ती परीक्षाओं में कई अभ्यर्थियों को परीक्षा में बिठा चुका है. पकड़ा गया आरोपी खुद भी दो भर्ती परीक्षाएं पास कर नौकरी भी की. जानकारी के मुताबिक, वह पुलिस से बचने के लिए मोबाइल नहीं चलाता था और हर दो से चार दिन में जगह बदल लेता था. उसके पिता अध्यापक थे जो रिटायर हो गए. 

पुलिस को चुनौती देने की बात पर पकड़ा गया

रेंज महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि विष्णु नगर लूणी निवासी दीपक बिश्नोई पुत्र बाबूलाल और उसके सहयोगी मनोहर बिश्नोई पुत्र पुनाराम निवासी चंपा की ढाणी ग्राम डूंगरपुर रोहट जिला पाली को गिरफ्तार किया गया है. दीपक एसओजी के एईएन और वनरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में वांछित था और उस पर 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था. पुलिस से बचने के लिए वह हर तीन दिन में रिश्तेदारों के यहां ठिकाने बदल कर रह रहा था, लेकिन एक ग्रामीण के पुलिस को चुनौती देने की बात पर दीपक पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, 2 दिन पहले जोधपुर रेंज की पुलिस ने साल 2021 की रीट भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर इमरती बिश्नोई को गिरफ्तार किया था.

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पैसे के लेनदेन के चक्कर में मौसेरा भाई गिरफ्तार

इसके बाद से ही आरोपी दीपक बिश्नोई को यह डर लगने लगा कि पुलिस उसे भी पकड़ लेगी. इस पर वह जोधपुर के निकटवर्ती रामड़ावास गांव में आकर छिपकर रहने लगा. इसी बीच एक ढाबे पर एक ग्रामीण चर्चा के दौरान यह कह रहा था कि रामड़ावास गांव में बड़ा शातिर इनामी आरोपी छिपा हुआ है, जिसे पुलिस पकड़ नहीं सकती, क्योंकि पुलिस में इतनी हिम्मत नहीं कि वह इस गांव में घुस सके. इसी इनपुट ने पुलिस को रामड़ावास गांव में आरोपी के छिपे होने की जानकारी दी और उसके बाद पूरी तरह से घेरा बंदी करते हुए अल सुबह दीपक बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया.  इसके अलावा उसके लिए बैंकों में रुपयों का लेनदेन करने और उसके सहयोगी मौसेरे भाई मनोहर बिश्नोई को भी पाली जिले के रोहट के निकटवर्ती डूंगरपुर गांव से पकड़ा गया. मनोहर अपनी बुआ के घर पर छिपा हुआ था. 

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दीपक पुलिस से काफी डरा हुआ था. वह छत के निकट छज्जे पर सो रहा था. उसे लगा कि पुलिस कभी भी उसे पकड़ सकती है. ऐसे में छज्जे से कूद कर वह खेतों के रास्ते फरार हो जाएगा. हालांकि, पुलिस के बिछाए जाल में वह फंस ही गया.

जेल प्रहरी की परीक्षा पास की नौकरी

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि दीपक बिश्नोई साल 2014 में जेल प्रहरी की परीक्षा में बैठा था. परीक्षा पास कर 9 साल तक उदयपुर कोटडा और राजसमंद में नौकरी की, जहां उसके मेवात गैंग से संपर्क हो गए.  वह मेवात गैंग के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बांटने और भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने का काम एजेंट के तौर पर शुरू कर दिया. इस दौरान उसने वनरक्षक, एईएन सीएचओ और पीटीआई परीक्षाओं में पेपर लीक भी किए. दीपक बिश्नोई की पत्नी कार नहीं होने को लेकर उसे ताने देती थी. इसलिए उसने इसी गैंग के साथ मिलकर पीटीआई का पेपर लीक किया. साल 2020 में उसने पीटीआई का एग्जाम दिया और 2023 में उसकी पाली जिले के गुड़ा एंदला में पीटीआई के पद पर नियुक्ति हो गई.

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परीक्षाओं पेपर के लिए लेता 3 लाख रुपये

नौकरी करने के दौरान उसने उदयपुर की गैंग के साथ मिलकर बीटेक, बीएससी और बीपीएड की फर्जी डिग्रियां भी बांटी थी. एक डिग्री के करीब 2.5 से 3 लाख लेता था, जबकि भर्ती परीक्षाओं के पेपर के लिए 3 लाख रुपए अभ्यर्थियों से लेता था. वह सबसे पहले मेवात गैंग के साथ मिलकर भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने और फर्जी डिग्रियां बांटने का काम एजेंट के तौर पर शुरू किया था, लेकिन लालच बढ़ने पर उसने खुद का काम शुरू करने की ठानी. बाद में वह खुद ही फर्जी डिग्रियां तैयार कर देने लगा. इसके लिए उदयपुर के एक सरगना के साथ हाथ मिला लिया. इसी बीच उसकी ओर से दी गई एक डिग्री वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी साबित हो गई. इस पर एजेंट ने मेवात गैंग को सूचना दी और इस गैंग के जरिए पुलिस को यह इनपुट मिला कि मेवात गैंग के अलावा दीपक भी अपनी अलग गैंग बनाकर फर्जी डिग्री देता है. इसके बाद वह एसओजी की रडार पर आ गया.

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