RPSC के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा को बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज; 60 लाख में बेचा था शिक्षक भर्ती का पेपर

बाबूलाल कटारा गहलोत राज में RPSC का सदस्य बना. वह डूंगरपुर के भाटपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव का रहने वाला है. थर्ड ग्रेड टीचर से करियर की शुरू वाला कटारा 1990 में अर्थशास्त्र का लेक्चरर बना था.

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RPSC के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा को बड़ा झटका

Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान में पेपर लीक मामले में RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बाबूलाल कटारा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हालांकि, पेपर लीक के मामले में सह आरोपी और बाबूलाल कटारा के भांजे विजय डामोर को कोर्ट से जमानत मिल गई है. एसओजी की जांच में आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा के घर से 51 लाख रुपये से अधिक की नकदी और करीब आधा किलो सोना बरामद हुआ था. इसके अलावा कटारा के यहां से कई संदिग्ध दस्तावेज भी एसओजी को मिले थे. 

पद का दुरुपयोग कर पेपर लीक का आरोप

दरअसल, RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा जिस मामले में जेल में बंद हैं, वह सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती 2022 के पेपर लीक से जुड़ा हुआ है. बाबूलाल कटारा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि बाबूलाल कटारा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती 2022 का पेपर लीक किया. 

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भांजे को कटारा ने सौंपा लीक पेपर

सरकार की ओर से पेश वकील मानवेन्द्र सिंह चौधरी और श्रीराम धाकड़ ने अदालत को बताया कि बाबूलाल कटारा ने संवैधानिक पद पर रहते हुए षड्यंत्र रचा. सरकारी आवास पर पेपर मंगवाकर उसे सह-आरोपी अपने भांजे विजय डामोर को सौंपा और आगे पहुंचवाया.  

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एसओजी की जांच में सामने आया कि RPSC के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 (सेकंड ग्रेड टीचर) का पेपर अपने सरकारी आवास पर लीक किया. उसके भांजे विजय डामोर के जरिए उसे रजिस्टर में लिखा गया और पेपर पहले 60 लाख में अनिल मीणा को बेचा गया.

कटारा के घर से मिली थी 51 लाख की नकदी

बाद में वहीं पेपर 80 लाख में भूपेन्द्र सारण तक पहुंचा. 24 दिसंबर 2022 को उदयपुर के बेकरिया थाने की पुलिस ने एक संदिग्ध बस पकड़ी, जिसमें 49 अभ्यर्थी प्रश्न पत्र के उत्तर याद कर रहे थे. पूछताछ में सामने आया कि पेपर परीक्षा से पहले ही बाहर आ चुका था. कटारा के घर से 51.20 लाख नकद, 541 ग्राम सोना, दर्जनों संदिग्ध दस्तावेज, पेपर लिखने में इस्तेमाल रजिस्टर बरामद हुआ था. 

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बता दें कि बाबूलाल कटारा RPSC के पूर्व सदस्य हैं. कटारा को SOG ने पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार किया. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस (SI Paper Leak Case) एसआई पेपर लीक केस में गिरफ्तार पूर्व सदस्य रामू राम राईका को पेपर देने का आरोप भी बाबूलाल कटारा पर ही लगा है. बाबूलाल कटारा डूंगरपुर के भाटपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव का रहने वाला है. थर्ड ग्रेड टीचर से करियर की शुरू वाला कटारा 1990 में अर्थशास्त्र का लेक्चरर बना था और अक्टूबर 2020 में गहलोत राज में कटारा राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का सदस्य बना. 

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