Hanuman Beniwal demand for RAS-2018 exam: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने आरएएस भर्ती-2018 में सफल रही एक महिला RAS को मिले अंकों में संशोधन किया है. इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट में पदमा चौधरी (Padma Chaudhary) को पहले 24वीं रैंक दी गई थी, जिसे अब 39-ए कर दिया गया है. इस मामले को लेकर नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल लगातार मुद्दा उठा रहे हैं. अब इस मामले में आरपीएससी के फैसले के बाद बेनीवाल ने फिर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि इस परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं और आनेवाले दिनों में वो इसके और भी प्रमाण सार्वजनिक करेंगे. हनुमान बेनीवाल ने पदमा चौधरी की परीक्षा की एक कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की थी जिसमें बिना जवाब लिखे ही नंबर दे दिया गया था.
आरपीएससी की ओर से जारी एक प्रेस नोट में बताया गया है कि 2018 की भर्ती परीक्षा के जारी किए गए साक्षात्कार के बाद 13 जुलाई 2021 के तहत 24वीं रैंक दी गई थी. अब इसे 39-ए पर प्रतिस्थापित किया गया है. इस प्रेस नोट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए हनुमान बेनीवाल ने आरपीएससी पर फिर से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर मैंने मीडिया के समक्ष प्रमाण के साथ देते हुए बताया था कि पदमा चौधरी के मैंस के अंग्रेजी के पेपर में उत्तर नहीं लिखा.
हनुमान बेनीवाल बोले- RPSC ने अपनी गलती मानी
उन्होंने प्रश्न संख्या 34 का उत्तर का जिक्र करते हुए कहा, "उसमें उस मूल्यांकनकर्ता ने पहले तो 0 नंबर दिए, लेकिन इसके बाद 7 नंबर दे दिए. जिससे उसकी रैंक 24 हो गई, आज RPSC ने इस मामले में अपनी गलती मानते हुए उस अभ्यर्थी की रैंक को 24 से प्रतिस्थापित करके 39-A कर दिया."
यह बहुत बड़ी जांच का विषय- आरएलपी सुप्रीमो
बेनीवाल ने कहा, "यह इस बात का प्रमाण है कि RPSC भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और राजस्थान लोक सेवा आयोग में हुए भ्रष्टाचार का बड़ा प्रमाण है. यह महज एक उदाहरण है. इसके अलावा न जाने कितने अभ्यर्थियों के परिणाम में भ्रष्टाचार करके गड़बड़ी की गई. यह बहुत बड़ी जांच का विषय है."
मैंस परीक्षा की सभी कॉपियां हो सार्वजनिक
उन्होंने इस प्रकरण के संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कार्यवाही की मांग की. नागौर सांसद ने कहा कि इस मामले में संज्ञान लेते हुए अविलंब आरएएस-2018 भर्ती की मैंस परीक्षा की सभी कॉपियां सार्वजनिक होनी चाहिए. साथ ही इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ भी सरकार को कार्यवाही करनी चाहिए. साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में हम ऐसे कई प्रमाण मीडिया के समक्ष देंगे, जो यह साबित करेंगे कि भर्तियों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ.
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