Rajasthan: उदयपुर विकास प्राधिकरण में 500 करोड़ के घोटाले का खुलासा, आयुक्त ने मांगा 7 दिन के भीतर जवाब 

इस मामले में यूआईटी के पूर्व सचिव समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 7 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करें अन्यथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Photo- Udaipur Darpan

Udaipur News: उदयपुर विकास प्राधिकरण में 500 करोड़ रुपए की राजस्व हानि का बड़ा मामला सामने आया है. इसे लेकर आयुक्त राहुल जैन ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. यूडीए आयुक्त राहुल जैन द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक मामला प्रकाश में आने के बाद ऑडिट करवाई गई, जिसमें प्रारंभिक जांच में बड़े पैमाने पर राजस्व हानि उजागर हुई है.

संबंधित अधिकारियों को 7 दिन में जवाब देने को कहा 

यह अनियमितताएं उस समय की हैं जब प्राधिकरण, नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के रूप में कार्य कर रहा था. जमीनों के आवंटन पत्र और लीज डीड जारी करने के दौरान यह गड़बड़ियां सामने आईं है. इस मामले में यूआईटी के पूर्व सचिव समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 7 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करें अन्यथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

यहां हुई गड़बड़ियां

यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने बताया कि सामान्य अंकेक्षण विभाग हर साल अलग-अलग विषयों को लेकर ऑडिट करता है, जैसे सरकार द्वारा जारी चार्ज में कोई अनियमितता तो नहीं, सरकार के नियमों की अवहेलना तो नहीं की गई. इसी तरह ज़मीनों के प्लान पास करवाने को लेकर भी ऑडिट हुए थे. ऑडिट में प्राथमिक रूप से पाया गया कि सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए प्लान पास किया गया, जिसमें जमीन आवंटन और लीज़ डीड जारी की गई थी. यह कार्य रसूखदारों से मिलीभगत कर किया गया था. नोटिस में यह भी बताया गया है कि किस जमीन पर कितनी राशि की राजस्व हानि हुई है.

Advertisement

ऐसे हुई नियमों की अवहेलना

आयुक्त ने बताया कि नियमों के मुताबिक प्लान पास करवाने के लिए 60 और 40 का अनुपात रखना होता है. 40 प्रतिशत भाग सड़क, पार्क, पार्किंग सहित अन्य सुविधाओं के लिए छोड़ना होता है. ऑडिट में सामने आया कि प्लान पास करवाने के समय कहीं पर यह 80 अनुपात 20, कहीं 75 अनुपात 25 जैसे रेश्यो रखे गए. उन्होंने आगे बताया कि संबंधित अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं और 7 दिन का समय दिया गया है. नोटिस का जवाब आने के बाद राज्य सरकार के पास भेजेंगे. वहां से जो निर्णय लिया जाएगा, उसी अनुसार कार्रवाई होगी.

Advertisement