दौसा जीतकर सचिन पायलट ने पूरा किया अपना वादा, राठौड़, मीणा और अग्रवाल को एक साथ दी पटखनी

दौसा विधानसभा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. जहां दौसा में बीजेपी नेताओं ने सचिन पायलट को निशाने पर रखा था. लेकिन इन सब पर सचिन पायलट का वादा खड़ा उतरा है.

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Dausa Assembly Seat Result: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव का परिणाम साफ हो गया है. सात सीटों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 4 सीट अपने खाते में किया है. जबकि भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने भी दो सीट जीत कर प्रदेश की सियासत बदल दी है. लेकिन इन सभी सीटों में कांग्रेस के हाथ सबसे बड़ी सीट आई है वह है दौसा विधानसभा सीट. दौसा विधानसभा सीट पर सचिन पायलट के करीब कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा (DC Bairwa) ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई बीजेपी के जगमोहन मीणा को 2300 से अधिक वोटों से शिकस्त दी है. दौसा का यह रिजल्ट राजस्थान के दो दिग्गज नेताओं की सियासी भविष्य को बयां कर रहा है.

दौसा विधानसभा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. जहां दौसा में बीजेपी नेताओं ने सचिन पायलट को निशाने पर रखा था. लेकिन इन सब पर सचिन पायलट का वादा खड़ा उतरा है.

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दौसा में राठौड़, मीणा और अग्रवाल को पायलट की पटखनी

दौसा विधानसभा सीट पर प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं के बयान में हमेशा सचिन पायलट छाए रहे. सबसे बड़ा बवाल बीजेपी प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल के उस बयान पर मचा था जब उन्होंने कहा था कि

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'सचिन पायलट का कोई समय होता था. मगर अब वो समाप्त हो गया. अब राजस्थान में भाजपा का समय है. सचिन पायलट एक स्पेंट फोर्स हैं.'

इस बयान पर सचिन पायलट के समर्थकों ने खूब बवाल किया था. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी दौसा में सचिन पायलट को निशाने पर रखा था और कहा था कि सचिन पायलट अब कोई चुनौती नहीं रहे हैं. जबकि किरोड़ी लाल मीणा ने भी सचिन पायलट की ताकत को हल्के में लिया. लेकिन अब दौसा में कांग्रेस की जीत ने साबित कर दिया है कि सचिन पायलट का समय अब भी दौसा में है.

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सचिन पायलट ने किया अपना वादा पूरा

सचिन पायलट ने उपचुनाव से पहले ही बीजेपी नेताओं के बयान पर मुसकुराते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि राजनीति में विरोध की एक मर्यादा होती है. विचारों का विरोध हो सकता है. एक दूसरे के प्रति असहमति का भाव रहता है. लेकिन भाषा की गरिमा रखनी जरूरी है. हम उस कांग्रेस पार्टी से हैं जिसका 130 सालों का इतिहास रहा है. हम सत्ता पक्ष और विपक्ष सबको साथ लेकर चलने वाले लोग हैं. हमने भी बड़े से बड़े नेताओं का वैचरिक तौर पर विरोध किया है. लेकिन भाषा का स्तर, मर्यादा और गरिमा का हमेशा ख्याल रखा है.

सचिन पायलट ने कहा, जहां तक राजनीति की बात है, तो विधानसभा उपचुनाव आने वाले हैं. दो-दो हाथ हो जाएंगे तो सब पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में सब को पता चल जाएगा कि कौन कितने पानी में है.

अब दौसा सीट पर कांग्रेस की जीत से सचिन पायलट ने अपनी ताकत और वादे दोनों को पूरा किया है.

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