Rajasthan Politics: 'सचिन पायलट जैसा सौम्य है मेरा भाई' किरोड़ी लाल मीणा की इस टिप्पणी पर क्या बोले खुद सचिन पायलट

Rajasthan Bypoll : सचिन पायलट ने दौसा में कांग्रेस उम्मीदवार दीनदयाल बैरवा के पक्ष में जमकर जनसभाएं की हैं और भाजपा पर हमला बोला है.

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Rajasthan Politics : कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने दौसा विधानसभा सीट के उपचुनाव में मोर्चा संभाल लिया है. दौसा के कुंडल गांव में पायलट ने कांग्रेस प्रत्याशी डी सी बैरवा के समर्थन में कई सभाएं की हैं. कुंडल गांव में एक नुक्कड़ सभा में पायलट ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. पायलट ने अपने भाषण में लोगों से कहा कि भाजपा सभी जाति के मंत्रियों को गली गली में घुमाएगी, लेकिन आप बहकावे में मत आना. सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा चाहे कितने ही तंत्र लगा ले, और कितनी ही ताकत लगा ले, और चाहे उसके पूरे संत्री और मंत्री दौसा में डेरा जमाए रहें, लेकिन पूरी सातों विधानसभाओं पर कांग्रेस पार्टी ही चुनाव जीतेगी. दौसा में सचिन पायलट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ीलाल मीणा की चर्चित टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी. किरोड़ीलाल मीणा ने पिछले सप्ताह दौसा में ही अपने भाई और उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन मीणा के लिए प्रचार करते हुए एक जनसभा में सचिन पायलट के बारे में टिप्पणी की थी.

किरोड़ीलाल मीणा ने भाई जगमोहन को बताया था सचिन जैसा

किरोड़ी लाल मीणा ने 30 अक्तूबर को धनतेरस के दिन गुर्जर समुदाय के दीपावली स्नेह मिलन समारोह में कहा था,"आज धनतेरस पर धन बरस रहा है. समाज से अपील है. मेरे भाई को टिकट मिला है. नानी का दंड नवासा को मत देना. मैं बैंसला (किरोड़ीलाल बैंसला) की तरह तो मेरा भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य-सरल है. राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने में साथ दूंगा." मीणा ने वहां अपनी तुलना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से की थी जो राजस्थान में वर्ष 2007 में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे हैं. 

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"मेरे भाई को टिकट मिला है. नानी का दंड नवासा को मत देना. मैं बैंसला (किरोड़ीलाल बैंसला) की तरह तो मेरा भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य-सरल है. राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने में साथ दूंगा." - किरोड़ी लाल मीणा

सचिन पायलट ने क्या दिया जवाब

कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा के पक्ष में दौसा चुनाव प्रचार करने पहुँचे सचिन पायलट से जब पत्रकारों ने किरोड़ी लाल मीणा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी तो सचिन पायलट ने इसे ज्यादा तूल नहीं दिया. सचिन पायलट ने कहा,"मैं किसी के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी करता ही नहीं हूँ. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि ये चुनाव किसी व्यक्ति का चुनाव नहीं है. ये किसी समाज का चुनाव नहीं है. ये चुनाव दो दलों का है, दो विचारधाराओं का है, और इसमें अपने काम के इतिहास के दम पर, कि दौसा के लिए किसने क्या किया है, और तब लोग तुलना करेंगे कि किसके राज में ज्यादा काम हुआ है."

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विचारधाराओं का चुनाव

उपचुनाव को विचारधाराओं का चुनाव बताते हुए सचिन पायलट ने कहा,"ये चुनाव विचारधारा का है, पार्टियों का है. भाजपा ने 10 साल से केंद्र में लोगों के साथ विश्वासघात किया है, जिसे सभी देख रहे हैं. और साल भर से राजस्थान में भी बीजेपी की सरकार है, लेकिन इस दौरान जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया है. इसलिए जनता जवाब मांगेगी, और जनता को जवाब देने का अधिकार मतदान के माध्यम से मिलता है, तो जनता जवाब दे देगी."

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सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में गोलियां चली थीं, और आपस में लोगों को लड़ाया गया था और उससे जो माहौल पैदा हुआ था उसके लिए भाजपा जिम्मेदार है. पायलट ने कहा कि जो भाजपा के नेता अति उत्साहित हैं उनको 23 नवंबर को मतगणना के दिन मालूम चल जाएगा.

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