ऑपरेशन सिंदूर के हीरो को सलाम: दिल्ली के एयर फ़ोर्स अस्पताल में सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के नाम पर बना 'सुरेंद्र हॉल'

भावुक माहौल में किए गए इस सम्मान के दौरान, वीर शहीद के परिवार की हौसला-अफजाई की गई और राष्ट्र की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की गई. इस सम्मान ने यह संदेश दिया कि देश अपने जाँबाज़ सैनिकों के परिवारों के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan: भारतीय वायु सेना ने अपने जांबाज़ एयर वॉरियर सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की बहादुरी और बलिदान को सदैव अमर बनाए रखने का संकल्प लिया है. इसी कड़ी में, दिल्ली स्थित एयर फ़ोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैब्लिशमेंट (AFCME) में एक हॉल को उनके नाम पर समर्पित किया गया है, जिसे अब 'सुरेंद्र हॉल' के नाम से जाना जाएगा. सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले की मंडावा तहसील के गाँव मेहरादासी के रहने वाले थे.

ऑपरेशन सिंदूर में अमर शहादत

10 मई 2025 को चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सार्जेंट मोगा एक कॉम्बैट मेडिक के रूप में तैनात थे. दुश्मन की मिसाइल और बमबारी में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने अंतिम साँस तक अपने साथियों की मदद जारी रखी. उनकी निडरता और शांतचित्त आचरण ने उन्हें सच्चे मायनों में एक अद्वितीय एयर वॉरियर बनाया.

वॉरियर को मरणोपरांत 'वायु सेना पदक (गैलैंट्री)'

उनकी इस असाधारण वीरता के लिए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें मरणोपरांत 'वायु सेना पदक (गैलैंट्री)' प्रदान किया. यह सम्मान न केवल सुरेंद्र मोगा की बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा.

परिवार का सम्मान

आगामी वायुसेना दिवस (8 अक्टूबर 2025) के उपलक्ष्य में, एयर वेटरन एसोसिएशन, राजस्थान ने आज, 28 सितंबर 2025 को जयपुर के द कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान में 'वायु सेना दिवस सम्मान समारोह 2025' का आयोजन किया. समारोह में भारतीय वायु सेना के शौर्य और पराक्रम का गुणगान किया गया और विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की वीरांगना सीमा देवी और उनके बच्चों- बेटी वर्तिका और बेटे दक्ष को सम्मानित किया गया.

Advertisement

भावुक माहौल में किए गए इस सम्मान के दौरान, वीर शहीद के परिवार की हौसला-अफजाई की गई और राष्ट्र की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की गई. इस सम्मान ने यह संदेश दिया कि देश अपने जाँबाज़ सैनिकों के परिवारों के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

2 अक्टूबर को पैतृक गाँव में शहीद स्मारक की नींव

झुंझुनूं ज़िले की मंडावा तहसील स्थित पैतृक गाँव मेहरादासी में 2 अक्टूबर 2025 को, शहीद परिवार की ओर से शहीद स्मारक की नींव रखी जाएगी. यह स्मारक उस महान बलिदान को चिरस्थायी बनाएगा, जिसके लिए इस वीर योद्धा ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर कर दिए.

Advertisement

यह भी पढ़ें- कहानी राजस्थान की बहू अंजू यादव, 4 बार नौकरी लगी फिर बनीं DSP; पति की मौत भी इरादे नहीं तोड़ पाई