Sanwaliya Seth: मन्नत पूरी हुई तो सांवलिया सेठ को दिया चांदी का पेट्रोल पंप, चर्चा का विषय बनी भक्त की अनोखी भेंट

Rajasthan News: भगवान जब अपने भक्त की फरियाद सुनते हैं तो उनकी से भरपूर कृपा मिलती है और वह भी उन पर अपनी दौलत लुटाने से पीछे नहीं हटता है. हाल ही में चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ में एक भक्त ने चांदी का पेट्रोल पंप चढ़ाकर इसका उदाहरण पेश किया है.

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चांदी का पेट्रोल पंप

Chittorgarh News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ के दरबार में भक्त अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार अपनी मनोकामनाएं मानते हैं. जिसके पूरा होने पर वह यह चढ़ावा ढ़ाते है. जो सोने-चांदी के आभूषण, नकदी से लेकर कई अन्य चीजें होती हैं.  जिसमें अक्सर देखा गया है कि भक्त  अनोखी और अजीबोगरीब चीजें जैसे हवाई जहाज, घर, बांसुरी, ईंट, हेलीकॉप्टर, क्रिकेट बॉल स्टंप और सोने-चांदी से बनी कई अन्य चीजें चढ़ाते हैं. इसी सिलसिले में हाल ही में एक व्यक्ति ने सांवलिया सेठ के दरबार में अर्जी लगाई थी और अपनी मनोकामना पूरी होने पर उसने सांवरा सेठ को चांदी का पेट्रोल पंप चढ़ाया.

 व्यापारी ने पेट्रोल पंप लगाने के लिए लगाई थी अर्जी

जानकारी के अनुसार डूंगला क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने पेट्रोल पंप लगाने के लिए आवेदन किया था. दरअसल पेट्रोल पंप लगाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद व्यक्ति को कई परेशानियों के चलते सफलता नहीं मिली. ऐसे में व्यापारी ने पेट्रोल पंप लगाने के लिए श्री सांवलिया सेठ से मन्नत मांगी थी कि यह काम पूरा होने पर वह सांवरा सेठ को 56 भोग के साथ चांदी से बनी पेट्रोल पंप की छवि भेंट करेगा.

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नाचते-गाते चांदी का पेट्रोल पंप लेकर पहुंचे सांवरिया के दरबार में

मन्नत मांगने के कुछ ही दिनों में व्यापारी का काम पूरा हो गया. इसके बाद उसने बड़ी सादड़ी क्षेत्र में सांवरिया फिलिंग स्टेशन के नाम से औपचारिक रूप से पेट्रोल पंप शुरू कर दिया. साथ ही मन्नत पूरी होने पर व्यापारी अपने परिवार के साथ 56 भोग और पेट्रोल पंप की छवि लेकर नाचते-गाते श्री सांवलिया सेठ मंदिर पहुंचा और 56 भोग और चांदी से बनी पेट्रोल पंप की छवि भेंट की.

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खजाने की राशि की गिनती छह चरणों में हुई थी पूरी

 बता दें कि भक्तजन श्री सांवलिया सेठ को अपने व्यापार में भागीदार बनाते हैं. वे अपने व्यापार का 10 प्रतिशत हिस्सा सांवलिया सेठ को चढ़ावा के रुप में चढ़ाते हैं. यह क्रम कई वर्षों से चला आ रहा है. भक्तों की अटूट आस्था के चलते ही भक्तों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. तीन दिन पहले प्रतिमाह खोले जाने वाले खजाने की राशि की गिनती छह चरणों में पूरी हुई, जिसमें 29 करोड़ 22 लाख रुपए नकद, एक किलो सोना और 142 किलो चांदी के साथ ही 15 देशों की विदेशी मुद्रा चढ़ावे में प्राप्त हुई.

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