Sapna Soni Exclusive: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद अब पत्नियों में छिड़ी विरासत की 'जंग'

हनुमानगढ़ जिले में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में भारी भीड़ जमा हुई थी. लेकिन इस सभा में सिर्फ गोगामेड़ी की दो पत्नियां की शामिल हो पाईं. उनकी तीसरी पत्नी को जाने से मना कर दिया गया.

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Rajasthan News: करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर को जयपुर स्थित उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में माहौल गरमा गया था. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन भी हुआ, जिससे पुलिस पर दवाब बढ़ने लगा. इसी के चलते कुछ दिनों के अंदर राजस्थान पुलिस ने गोगामेड़ी के दोनों शूटर्स समेत सजिश में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस वक्त ये सभी जेल में पुलिस रिमांड पर हैं. अब इस मामले में ताजा अपडेट सामने आया है. गोगामेड़ी की हत्या के बाद अब उनकी तीनों पत्नियों में विरासत की जंग छिड़ गई है. इसी के चलते गोगामेड़ी के पैतृक गांव में सोमवार को आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा में उनकी पत्नी सपना सोनी को आने से रोक दिया गया.

हनुमानगढ़ जिले में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में भारी भीड़ जमा हुई थी. लेकिन इस सभा में सिर्फ गोगामेड़ी की दो पत्नियां की शामिल हो पाईं. उनकी तीसरी पत्नी को जाने से मना कर दिया गया. इसके बाद सपना सोनी अपनी लिखित शिकायत लेकर भादरा थाना पहुंची और वहां अधिकारियों को पूरी बात बताई. इस दौरान सुखदेव की पत्नी शीला शेखावत ने सपना सोनी के श्रद्धांजलि सभा में जाने पर अनहोनी होने की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि यहां का माहौल बिगड़ सकता है. अगर सपना फिर भी श्रद्धांजलि सभा में आती हैं, और कोई भी घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी भी पूरी तरह से सपना सोनी की होगी. ऐसे में सपना सोनी ने शीला शेखावत पर सुखदेव की संपत्ति पर नजर होने का आरोप लगाया.

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सपना सोने ने NDTV से बातचीत में कहा, 'मैं यहां श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए आई हूं. पर मुझे अंदर जाने से रोक दिया गया. योगेंद्र सिंह कटार ने भादरा में डिप्टी साहब को लिखित में दिया है कि सपना यहां आएगी तो माहौल खराब होगा. सपना के साथ कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदार वो खुद होगी. पुलिस उसी लिखित पत्र के आधार पर मुझे अंदर जाने से रोक रही है. उनका कहना है कि अगर आप फिर भी जाना चाहो तो आगे जो कुछ भी होगा उसकी जिम्मेदार आप स्वयं होंगी. पुलिस का ये कहना मेरे लिए आग में कूदने वाली बात है. शीला शेखावत राजपूत समाज से है, इसीलिए सिर्फ उसे ही गोगामेड़ी की पत्नी माना जा रहा है. जबकि शकुंतला चौधरी और मैं अलग जाति से हैं. इसीलिए हमें रोका जा रहा है. इनके बीच जातिवाद का चल रहा है. मैं श्रद्धांजलि सभा में जरूर जाना चाहती हूं. पर कोई लड़ाई या झगड़ा हो, ये भी मैं नहीं चाहती. लेकिन उन्होंने आज मुझे रोककर ये साबित कर दिया कि कहीं न कहीं मैं गलत नहीं हूं, बल्कि वो लोग गलत हैं.

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