Rajasthan News: पंचायती राज सशक्तिकरण और अभिनंदन समारोह में राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से सरपंच पहुंचे. इस दौरान सरपंच संघ ने पंचायती राज में सरपंचों को प्रशासक और पंचों को प्रशासक समिति के सदस्य बनाने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. साथ ही मुख्यमंत्री के सामने सरपंच संघ ने कई मांगे भी रखीं. सीएम ने कार्यक्रम में अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि आप कुछ भी बन जाओ, लेकिन सरपंच से बड़ा कोई नहीं है. गांव की भोली भाली जनता, मेरी काकी, मेरे ताऊ, आज भी जब मैं गांव जाता हूं तो वे कहते हैं कि सरपंच भैया मेरी बात सुन लो.
'सरपंच से ज्यादा अधिकार किसी के पास नहीं'
सीएम ने कहा कि अगर सरपंच जागरूक होंगे तो पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने का सपना पूरा होगा. मैं अनुभव से कह सकता हूं कि अगर सरपंच समस्या का समाधान करना चाहता है तो कोई भी ताकत रोक नहीं सकती. आपको जो अधिकार है, वह किसी के पास नहीं है. कोई भी जनप्रतिनिधि चेक पर साइन नहीं कर सकता, सिर्फ सरपंच कर सकते हैं. उन्हें अपना अधिकार समझना होगा. सरपंच सबसे ताकतवर जनप्रतिनिधि होता है.
सीएम के संबोधन की बड़ी बातें
- हमने आते ही 1 अप्रैल 2024 से मानदेय बढ़ाया.
- 371 ग्राम पंचायतों का भवन बनाया.
- 530 किलोमीटर लंबाई की 309 सड़कों का काम पूरा हुआ.
- सड़कों के लिए 1000 करोड़ रुपए दिए.
- सभी गरीबों को घर मिलेगा. हम 4 लाख 98 हजार आवास दे रहे हैं.
- अटल ज्ञान केंद्र खोलेंगे. जिसमें लाइब्रेरी होगी और ई मित्र भी होगा, अटल प्रेरक भी होंगे.
- 2027 तक राजस्थान के किसानों को दिन में बिजली देंगे.
- 4 लाख सरकारी नौकरी देंगे, 6 लाख प्राइवेट नौकरी देंगे.
सम्मान निधि का बढ़ाया दायरा- सीएम
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमसे कहा कि कार्यकाल कैसे बढ़ाओगे. हमने कहा बढ़ाएंगे, देखना कैसे बढ़ाते हैं. हमने बढ़ाया, अब वे दूसरे रास्ते तलाश रहे हैं, लेकिन मैंने कह दिया, सारे रास्ते बंद हैं. हमने सम्मान निधि का दायरा बढ़ाया है. पिछली सरकार ने साढ़े 7 लाख किसानों का नाम नहीं जुड़वाया. आपका क्या जा रहा था, मोदी जी पैसे दे रहे थे. अब हम दे रहे हैं. अब सबको फायदा पहुंच रहा है.
अगर गांव के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की सेवा करने वाले की बात नहीं सुनी जाएगी तो किसकी बात सुनी जाएगी. जो आपके पास आता है तो विश्वास लेकर आता है. या तो वह अभाव में आता है या भाव में आता है. अगर वह अभाव में आता है तो अपने आप को भाग्यशाली मानिए कि कोई आपके पास अभाव में आया है. उसे कभी मत ठुकराना. अगर कोई भाव में आता है तो अपने आप को सौभाग्यशाली मानना कि कोई भाव में आपके पास आया है. सरपंच दूसरों की पंचायत तो खूब करते हैं लेकिन अपनी बारी आने पर भाव बदल जाता है. इसलिए इसका ध्यान रखना.
सरपंच संघ के अध्यक्ष की मांग
- सग्राम पंचायतों में टेंडर माफियाओं का जाल बिछा है. उनका नेक्सस समाप्त किया जाए.
- BSR दर पर खरीद की जाए.
- एक वित्तीय वर्ष में खरीद की सीमा को 60 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ किया जाए.
- ग्राम पंचायतों में पानी की व्यवस्था नहीं है. रोड नेटवर्क बिल्कुल खराब हो चुका है. इसे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी PWD विभाग को दी जाए.
- सरपंचों का एक सम्मानजनक मानदेय दिया जाए.
- हमें अभी किसी मजदूर से भी कम मानदेय मिलता है. सरपंचों को पेंशन भी दी जाए .
- सरपंचों के लिए राजस्थान टोल फ्री किया जाए.
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