पिंजरे में पूरी रात पॉजिशन लेकर बैठे रहे शूटर्स, 'आदमखोर' पैंथर ने दे दिया चकमा

उदयपुर में आदमखौर पैंथर को पकड़ने के लिए गोगुंदा के राठौड़ो के गुड़ा में पुलिस अधिकारियों का पूरा अमला मौजूद है. हालांकि पुलिस और वन विभाग का सर्च ऑपरेशन भी सफल नहीं हो पा रहा है. गोगुंदा में 7 व्यक्तियों की जान ले चुके इस पैंथर का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है.

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Panther in Udaipur: उदयपुर के गोगुन्दा क्षेत्र में आदमखौर पैंथर ने ग्रामीणों से लेकर प्रशासन तक की नींद उड़ा रखी है. ग्रामीण पैंथर के आतंक के साए में रहने को मजबूर है. जबकि पुलिस और वन विभाग का सर्च ऑपरेशन भी सफल नहीं हो पा रहा है. गोगुंदा में 7 व्यक्तियों की जान ले चुके इस पैंथर (Panther) का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इसे पकड़ने के लिए वन विभाग और प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. 

शूटर पॉजिशन लेकर बैठे, अब लेपर्ड का इंतजार

गोगुंदा के राठौड़ो का गुड़ा में पुलिस अधिकारियों का पूरा अमला मौजूद है. इस पूरे इलाके में करीब 13 पिंजरे और ट्रैप कमरे लगाए गए हैं. ग्रामीणों ओर प्रशासन ने मिलकर पैंथर को पकड़ने के लिए अभियान छेड़ा हुआ है. अब लेपर्ड को काबू करने के लिए रणनीति बदली गई है. जंगल में पॉजिशन लेकर बैठे शूटर और पुलिसकर्मी लेपर्ड के इंतजार में हैं. बाकयदा इसके लिए पानी और शिकार वाली जगहों के आसपास पुलिस, सेना और वन विभाग की टीम तैनात है. प्रशासन की ओर से पहले ही शूट एंड साइट का ऑर्डर दिया जा चुका है. 

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इलाके में दहशत, वन विभाग की टीम पर निकला था ग्रामीणों का गुस्सा 

ग्रामीणों में दहशत इस कदर बरकरार है कि अंधेरा होने के बाद कोई भी अपने घर से बाहर निकलने की नहीं सोचता. तेंदुए की मौजूदगी की जरा सी भी आहट होते ही गांव में चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए कई बार जानवरों का शिकार करते हैं, लेकिन इस तरह से इंसानों पर कभी हमला नहीं किया. वहीं, इन आक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा वन विभाग पर भी फूट चुका है. ग्रामीणों ने विभाग की टीम पर पत्थर फेंके थे और लाठी भी उठाई. खुद को बचाने के लिए कर्मचारियों ने स्कूल के कमरे में बंद कर दिया था. मामला इस कदर बढ़ गया था कि काबू पाने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा. 

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