Maharaja Surajmal Statue Controversy: जोधियासी गांव में दो महीने के लिए धारा 163 लागू, तनाव फैलाने पर अब सीधे गिरफ्तारी

Jodhiyasi Village Taension: नागौर में महाराजा सूरजमल प्रतिमा विवाद के बाद जोधियासी गांव में दो माह के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है. इसके चलते अब जुलूस निकालने और हथियार रखने पर प्रतिबंधित रहेगा. कानून तोड़ने पर BNS 2023 के तहत कार्रवाई होगी.

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नागौर ब्रेकिंग: सूरजमल प्रतिमा विवाद के बाद जोधियासी गांव में धारा 163 लागू, दो माह तक सख्ती
NDTV Reporter

Rajasthan News: रात 1 बजे चोरी-छिपे महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाने से हुए विवाद के 24 घंटे बाद भी नागौर के जोधियासी गांव में माहौल तनावपूर्ण है. शांति भंग की आशंका के मद्देनजर SDM ने अगले 2 महीने के लिए इलाके में धारा 163 लागू कर दी है. इसके चलते अब गांव में 5 से अधिक लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक रहेगी. इसके अलावा बिना अनुमति जुलूस निकालने, सभा करने या कोई भी भीड़-भाड़ वाली गतिविधि आयोजित नहीं कर सकेंगे. न ही कोई लाउडस्पीकर का उपयोग कर पाएगा.

जुलूस, लाउडस्पीकर और हथियार सब बैन

आदेश के मुताबिक, किसी भी प्रकार के हथियार जैसे रायफल, रिवॉल्वर, पिस्तौल, बंदूक, चाकू, कृपाण, किरच, तलवार, भाला, लाठी आदि लेकर सार्वजनिक स्थान पर चलना प्रतिबंधित रहेगा.  किसी भी व्यक्ति को भड़काऊ, उत्तेजनात्मक या तनाव बढ़ाने वाले भाषण, पोस्टर, पर्चे, सोशल मीडिया संदेश या किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने की अनुमति नहीं होगी. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

गांव में जगह-जगह पर पुलिसबल को तैनात किया गया है.
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कानून तोड़ने पर BNS की धारा के तहत कार्रवाई

SDM ने अपने आदेश में साफ किया है कि यह नियम सुरक्षा बल, पुलिस, होमगार्ड, जेल सुरक्षा कर्मियों और सरकारी कर्तव्यों में लगे कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. प्रशासन ने संबंधित विभागों, पुलिस थानों और राजस्व अधिकारियों को इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अनभिज्ञता का बहाना न बना सके. पुलिस व प्रशासन क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है.

मूर्ति लगाने पर विवाद क्यों? पथराव भी हुआ

नागौर जिले के जोधियासी गांव में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों के दो समूहों में झड़प और पथराव हुआ. यह तनाव उस वक्त भड़का जब एक पक्ष ने सोमवार देर रात विवादित बस अड्डा चौराहे पर बिना अनुमति मूर्ति स्थापित कर दी. ग्रामीणों के एक समूह का आरोप है कि उन्हें प्रतिमा से नहीं, बल्कि इसे सार्वजनिक स्थान पर लगाने से आपत्ति है और वे इसे कहीं और स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. जबकि दूसरे पक्ष ने ग्राम सभा की मंजूरी का दावा किया है. इस विवाद ने गांव में लगभग एक साल से चले आ रहे तनाव को हिंसक रूप दे दिया.

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देर रात मूर्ति लगाने की खबर मिलने के बाद पथराव हुआ और फिर ग्रामीण वहीं पर धरने पर बैठ गए.
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RAC-QRT के साथ 9 थानों की पुलिस, लाठीचार्ज

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की. मौके पर नौ थानों से भारी पुलिस बल, राजस्थान सशस्त्र बल (RAC) और त्वरित प्रतिक्रिया बल (QRT) की कंपनियों को तैनात किया गया. जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा घेरा सख्त रखा गया है. नागौर के जिलाधिकारी अरुण कुमार पुरोहित सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और दोनों पक्षों से बातचीत करके स्थायी समाधान निकालने का प्रयास जारी है. लोक शांति भंग की आशंका के मद्देनजर प्रशासन गांव में धारा 163 भी लागू कर चुका है, जिसके तहत जुलूस और हथियार ले जाने पर प्रतिबंध है.

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