Shakoor Khan: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले शकूर खान को जैसलमेर लेकर पहुंची पुलिस, घर की तस्दीक की

जांच एजेंसियां शकूर की विभागीय छुट्टियों और विदेश यात्राओं के रिकॉर्ड को भी खंगाल रही हैं. साल 2000 में उसने एक चपरासी के तौर पर सरकारी सेवा शुरू की थी और बाद में प्रमोशन पाकर AAO के पद तक पहुंचा.

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जैसलमेर लाया गया शकूर खान

Shakoor Khan ISI Agent Jaisalmer: राजस्थान आईबी की टीम आईएसआई की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार शकूर खान को जयपुर से जैसलमेर लेकर पहुंची है. शकुर खान के निवास मंगलियों की ढ़ाणी, रोजगार कार्यालय जैसलमेर, जैसलमेर निजी आवास में शकुर खान को लेकर पुलिस टीम लेकर पहुंची, जहां से तस्दीक करवाकर पूछताछ की गई. टीम ने शकूर खान के घर पहुंच तस्दीक की है वहां भी काफी समय तक कार्रवाई की है.

CIC थाने के एसएचओ मय जाब्ता एक दर्जन अधिकारी और जवान जैसलमेर पहुंची है. टीम के जांच अधिकारी ने एसपी कार्यालय पहुंच कर एसपी से मुलाकात की है. जयपुर से दो वाहनो में सवार होकर टीम आई थी. वहीं राजस्थान आईबी की टीम भी जैसलमेर पहुंची है. आईबी के सीआईसी थाने के एसएचओ सीआई विनोद मीना इस टीम को लीड कर रहे हैं. वो इस मामले में जांच अधिकारी भी हैं.

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शुक्रवार को टीम शकूर खान के से जुड़े संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर पूछताछ करेंगी उसके बाद पीसी रिमांड पर चल रहे शकूर खान से पूछताछ करेंगी. इसके अलावा टीम जैसलमेर सीआईडी ऑफीस के जेआईसी कार्यालय पहुंची, जहां शकूर खान से कल पूछताछ करेंगी.

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10 जून तक पुलिस रिमांड पर है शकूर 

राजस्थान इंटेलिजेंस और अन्य जांच एजेंसियां शकूर के मूवमेंट, संपर्कों और पाकिस्तान में उससे मिलने वाले लोगों की गहन जांच कर रही हैं. 28 मई को शकूर को डिटेन किया गया था, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया और फिलहाल वह 10 जून तक रिमांड पर है. शकूर के मोबाइल डेटा और नंबरों के आधार पर अन्य संभावित संदिग्धों की तलाश जारी है. अब तक पांच से ज्यादा केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियां उससे पूछताछ कर चुकी हैं. इसके अलावा, उसके बैंक खातों, संपत्तियों और जैसलमेर में हुई लेनदेन की भी जांच तेज़ी से चल रही है.

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विभागीय छुट्टियों की जांच कर रही एजेंसियां

जांच एजेंसियां शकूर की विभागीय छुट्टियों और विदेश यात्राओं के रिकॉर्ड को भी खंगाल रही हैं. साल 2000 में उसने एक चपरासी के तौर पर सरकारी सेवा शुरू की थी और बाद में प्रमोशन पाकर AAO के पद तक पहुंचा. उसकी पदोन्नति प्रक्रिया भी अब संदेह के घेरे में है. जांच में यह भी सामने आया है कि 2008 से 2013 तक वह तत्कालीन मंत्री सालेह मोहम्मद का पीए रह चुका है. शकूर पर देशद्रोह, जासूसी और सामरिक जानकारी लीक करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 

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