Sharda Sinha Death: गायिका शारदा सिन्हा नहीं रहीं, छठ पर्व के लोकगीतों से घर-घर में पहुंची आवाज

Sharda Sinha Passes Away: बिहार की प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मैथिली और भोजपुरी में गाए गानों से अपनी एक अलग पहचान कायम की. छठ पर्व उनके गीतों के बिना अधूरा माना जाता है.

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बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा

Sharda Sinha Died: बिहार की कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया. वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थीं, उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. मंगलवार को पीएम मोदी ( Narendra Modi) ने भी उनसे मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. लोक गायिका शारदा सिन्हा ( Sharda Sinha) ने अपनी सुरीली आवाज से मैथिली और भोजपुरी संगीत को नई पहचान दी. छठ पर्व ( Chatt Puja 2024) आते ही घर-घर में लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा के गीतों की आवाज सुनाई देने लगती है. छठ पर्व उनके गानों के बिना अधूरा सा समझा जाता है.

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बिहार कोकिला शारदा सिन्हा

लोकगीतों के जरिए पहचान बनाने वाली बिहार की लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा ( Sharda Sinha Death) का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास में हुआ था. बचपन से ही उनके घर में संगीत का माहौल था. उनकी शादी बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में हुई, जहां उन्हें मैथिली लोकगीत सुनने का मौका मिला. घर और ससुराल में संगीतमय माहौल के कारण सुरों के प्रति उनका लगाव और गहरा होता गया.

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शारदा सिन्हा ने न सिर्फ मैथिली, बल्कि भोजपुरी, मगही और हिंदी में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा. प्रयाग संगीत समिति में उन्हें अपना हुनर ​​दिखाने का मौका मिला, जहां इलाहाबाद में आयोजित बसंत महोत्सव में उन्होंने अपनी गायकी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी आवाज ने आज तक लोगों को अपने से बांधे रखा है.

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छठ गीत से जुड़ी शारदा सिन्हा की पहचान

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मैथिली लोकगीत गाकर की थी. मैथिली और भोजपुरी के अलावा उन्होंने हिंदी में भी गाने गाए हैं. उन्होंने फिल्म 'मैंने प्यार किया' में 'कहे तोसे सजना', 'हम आपके हैं कौन' में 'बाबुल जो तुमसे पाया' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में 'तार बिजली से पतले' जैसे यादगार गानों को आवाज़ दी. लेकिन उनकी पहचान घर-घर में छठी मैया के लोकगीत गाने की वजह से मिली .

संगीत की दुनिया में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें 'पद्म श्री' और 'पद्म भूषण' से भी सम्मानित किया जा चुका है.अपने करियर में, उन्होंने एचएमवी, टिप्स और टी-सीरीज़ सहित बड़े संगीत ब्रांडों को नौ एल्बमों में 60 से अधिक छठ गीत गाए हैं. उनके गाए गए छठ के लोकप्रिय गीत 'केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके' और 'सुनअ छठी माई' जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीतों ने उन्हें घर घर में मशहूर कर दिया. उनके गीतों ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया है.

कौन- कौन हैं उनके परिवार में 

शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा की इसी साल 21 सितंबर को 80 साल की उम्र में ब्रेन हेमरेज से मृत्यु हो गई थी. पति की मृत्यु के बाद से ही शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ने लगी. शारदा सिन्हा अपने पीछे बेटी वंदना और बेटेअंशुमान सिन्हा को छोड़ गई हैं.

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